विश्वविद्यालयों से नए चिंतन, नए विचार का सृजन होता है: स्पीकर बिरला

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पुणे। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को पुणे स्थित MIT विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों, अध्यापकों और अन्य गणमान्य लोगों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर बिरला ने छत्रपति शिवाजी महाराज, लोकमान्य तिलक, महात्मा ज्योतिबा फूले, गोपाल कृष्ण गोखले समेत पुणे के सभी महान सपूतों को नमन किया।

उन्होंने विश्वविद्यालय को शिक्षा का मंदिर बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों से नए चिंतन, नए विचार का सृजन होता है जिनसे सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन संभव हो सके। शासन-प्रशासन में युवाओं की भागीदारी का उल्लेख करते हुए बिरला ने आशा व्यक्त की कि युवा शक्ति से भारत सम्पूर्ण विश्व का नेतृत्व करेगा और विश्व गुरु बन विश्व की अग्रिम पंक्ति में अपनी जगह लेगा।

लोकतंत्र को शासन व्यवस्था की बुनियाद बताते हुए बिरला ने कहा की भारत लोकतंत्र की जननी है, तथा भारत में हज़ारो सालों से लोकतान्त्रिक पद्धति से निर्णय लिए जाते रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश के युवा टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, नवाचार के माध्यम से राष्ट्र का नवनिर्माण कर रहे हैं। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 के विज़न का उल्लेख करते हुए
बिरला ने कहा युवाओं को भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का कार्य पूर्ण लगन और परिश्रम से करना होगा।

लीडरशिप के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए बिरला ने कहा कि लीडरशिप से देश और समाज को नयी ऊर्जा, नई दिशा मिलती है। उन्होंने कि लीडरशिप, डेमोक्रेसी और गवर्नेंस आपस में जुड़े हुए हैं और एक दुसरे के पूरक हैं। बिरला ने आर्थिक सामजिक क्षेत्र से लेकर व्यक्तिगत और आध्यात्मिक जीवन में लीडरशिप पर ज़ोर दिया और सभी को इस दिशा में प्रयास करने का आह्वान किया।

उन्होंने सामूहिकता और सकारात्मक विचारों के आधार पर नेतृत्व पर बल दिया और कहा कि लोकतान्त्रिक मूल्यों के द्वारा ही देश की दिशा तय करनी होगी। अमृत काल का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि आज़ादी के संग्राम के पश्चात् मिली स्वाधीनता के बाद भारत ने संविधान का निर्माण किया जिसने न्याय और समानता के मूल्यों के साथ देश का मार्गदर्शन किया है।

बिरला ने लोकतंत्र की जननी भारत में आयोजित हो रहे G 20 सम्मलेन का स्वागत किया। उन्होंने G 20 में भारत की अध्यक्षता के विषय में कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम के मूल्यों के आधार पर कार्य कर रहा है।

वैश्विक महामारी कोरोना का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि कोरोना काल में भारत ने अपने मानवीय मूल्यों से प्रेरित हो सम्पूर्ण विश्व को वैक्सीन पहुंचाने का कार्य किया। भारत की लोकतान्त्रिक विरासत के विषय में बिरला ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र एक लम्बे कालखंड से देश को दिशा देता रहा है।