कोविड-19 के कारण मानसिक अवसाद के मामलों में 25 फीसदी वृद्धि

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एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रियल साइकेट्री ऑफ इंडिया के अधिवेशन का समापन

कोटा। अखिल भारतीय औद्योगिक मनोविज्ञान संगठन (एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रियल साइकेट्री ऑफ इंडिया) के 19वें वार्षिक अधिवेशन का रविवार को कुन्हाडी स्थित होटल क्लार्क में समापन हो गया। तीसरे दिन विभिन्न सत्रों में अग्रवाल न्युरोसाइक्रेट्री सेन्टर के वरिष्ठ मनोचिकित्सक एमएल अग्रवाल, डॉ. कृष्ण प्रसाद, डॉ. ज्योति प्रकाश ने कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य विषय पर व्याख्यान दिए।

वहीं फ्री पेपर श्रेणी मे भी विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञों ने विचार रखे। इस दौरान देशभर के चिकित्सकों के ई- पोस्टर भी प्रदर्शित किए गए। व्याख्यान देते हुए चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि केवल, 35 फ़ीसदी देशों ने ही अपने यहां कामकाज संबंधी मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के सिलसिले में राष्ट्रीय कार्यक्रम होने की बात कही है। कोविड-19 महामारी के कारण आम तौर पर महसूस की जाने वाली बेचैनी व मानसिक अवसाद के मामलों में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

वर्ष 2020 में विकसित देशों की सरकारें औसतन अपने स्वास्थ्य बजट का केवल दो फ़ीसदी मानसिक स्वास्थ्य पर ख़र्च कर रही थीं और निम्नतर- मध्य आय वाले देशों में यह एक फ़ीसदी से भी कम था। ये आँकड़े सरकारों द्वारा मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिये पहले से की गई तैयारियों के अभाव और मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी संसाधनों की क़िल्लत के परिचायक हैं।

उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का काम का तनाव उनके प्रियजनों के साथ बिताए समय को प्रभावित कर सकता है और व्यक्तिगत तनाव व्यक्ति की गुणवत्ता के काम को पूरा करने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।

कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य का महत्व दो गुना है और यह मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन एक- दूसरे से कैसे जुड़ते हैं। ऐसी स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना सर्वोपरि हो जाता है, ताकि वे व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों तरह से अपनी क्षमता का पूरी तरह से एहसास कर सकें।

उन्होंने कहा कि कर्मचारी एक तरह से संगठन का हार्ट होते हैं। चूंकि कर्मचारी अपने जीवन का लगभग एक- तिहाई हिस्सा कार्यस्थल पर व्यतीत करते हैं। इसलिए प्रत्येक कंपनी की उनके मानसिक स्वास्थ्य के प्रति एक निश्चित जिम्मेदारी होती है। मानसिक स्वास्थ्य की यह प्राथमिकता जरुरी और नियमित प्रेक्टिस से संभव है।

इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रेसीडेंट कर्नल डॉ. सूर्यप्रकाश, डॉ. एमएल अग्रवाल, डॉ. बीएस शेखावत, डॉ. जूझर अली, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. आरएस राठौर, डॉ. गजेंद्र मालव, डॉ. सुनील सुथार, डॉ. जितेंद्र जीनगर, डॉ. गौतम साहा, डॉ. कल्पना श्रीवास्तव, डॉ. रुप सिढाना, डॉ. जयदीप पाटील समेत कईं विशेषज्ञ चिकित्सक उपस्थित रहे।