टीवी चैनलों को अब आधा घंटा रोज लोकहित के कार्यक्रम दिखाना जरूरी

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नई दिल्ली। टीवी चैनलों पर कंटेंट की गुणवत्ता को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के नए दिशानिर्देशों में सरकार ने चैनलों के लिए रोजाना आधा घंटे का लोकहित का कार्यक्रम दिखाने की अनिवार्य व्यवस्था दी है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इन दिशानिर्देशों को मंजूरी दी। इनमें चैनलों के लाइसेंस नवीनीकरण और लाइव प्रसारण से जुड़ी जटिलताओं को खत्म किया गया है। पहली बार सरकार ने भारतीय टेलीपोर्ट्स को विदेशी चैनल अपलिंक करने की अनुमति भी दी है। नए दिशानिर्देशों को कैबिनेट से मिली मंजूरी के बाद सूचना प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने इस संबंध में जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि चैनलों पर लोकहित के कार्यक्रमों का अनिवार्य प्रसारण दिशानिर्देशों में महत्वपूर्ण बदलाव है। इसके तहत स्पोर्ट्स चैनलों को छोड़ बाकी सभी टीवी चैनलों को लोकहित से जुड़े विषयों पर प्रतिदिन 30 मिनट का कार्यक्रम प्रसारित करना होगा।

कार्यक्रम के कंटेट, निर्माण और प्रसारण की जिम्मेदारी चैनलों की होगी। इसमें सरकार का हस्तक्षेप नहीं होगा। अनिवार्य प्रसारण से जुड़े पहलुओं पर सूचना प्रसारण मंत्रालय चैनलों से चर्चा के बाद अलग से विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा।

सूचना प्रसारण सचिव ने कहा कि चैनलों के प्रसारण से जुड़ी जटिलताओं को खत्म कर कारोबार को सुगम बनाने के प्रयासों के तहत सरकार ने यह कदम उठाया है। अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2011 में आखिरी बार तय हुए थे।

नए दिशानिर्देश भारत में पंजीकृत कंपनियों तथा एलएलपी को टीवी चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग, टेलीपोर्ट्स हब की स्थापना, डिजिटल सेटेलाइट न्यूज गैदरिंग (डीएसएनजी), सेटेलाइट न्यूज गैदरिंग (एसएनजी), इलेक्ट्रानिक न्यूज गैदरिंग (ईएनजी) सिस्टम और देश की समाचार एजेंसियों द्वारा अपलिंकिंग और सीधे प्रसारण की अनुमति हासिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाएंगे। कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण के लिए पूर्व अनुमति की जरूरत नहीं होगी।

सिंगापुर से अपलिंक होते हैं ज्यादातर चैनल: चंद्रा ने कहा कि नई नीति का अहम पहलू यह भी है कि भारतीय टेलीपोर्ट्स विदेशी चैनलों को अपलिंक कर सकते हैं और इसके जरिये विदेशी मुद्रा कमाई जा सकती है। अभी ज्यादातर चैनल सिंगापुर से अपलिंक होते हैं। अभी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पास रजिस्टर्ड 897 चैनलों में से मात्र 30 की ही अपलिंकिंग यहां से होती है। चैनलों को कंपनी के निदेशकों में बदलाव के कारण आने वाली परेशानी से भी राहत दी गई है। किसी कंपनी या एलएलपी में दो निदेशक-साझेदार हैं, तो आपात स्थिति में एक निदेशक-साझेदार को बदला जा सकता है। इस बदलाव के बाद गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी ली जा सकती है। अभी गृह मंत्रालय की पूर्व अनुमति जरूरी होती है। चैनलों को किराए पर देने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए जुर्माना बढ़ाया गया है।

जारी होगी विस्तृत गाइडलाइन
लोकहित के इन विषयों पर प्रसारण अनिवार्य राष्ट्रीय एकता एवं सांस्कृतिक विरासत, शिक्षा एवं साक्षरता, कृषि एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, महिला सशक्तीकरण, समाज के कमजोर वर्गों का सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण 4 विदेशी चैनलों को भी अपलिंकिंग की अनुमति मिलेगी।