कोटा और बूंदी को आपदाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव भेजें अधिकारीः बिरला

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खेतों में पहुंच स्पीकर बिरला ने जानी किसानों की पीड़ा

लोक सभा अध्यक्ष ने संभागीय आयुक्त और कोटा-बूंदी कलक्टर के साथ की बैठक

कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोटा और बूंदी, दोनों जिलों में बेमौसम अतिवृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसान तबाह हो चुका है और हमें उनकी मदद करनी है। अधिकारी दोनों जिलों को आपदाग्रस्त घोषित करने के प्रस्ताव राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र को भिजवाएं। केंद्र से प्रस्ताव को स्वीकृति जल्द से जल्द दिलाने के प्रयास करेंगे।

कोटा और बूंदी जिले में अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान को देखने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने सोमवार शाम संभागीय आयुक्त और कोटा और बूंदी जिलों के कलक्टर व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि फसल बीमा करवा चुका एक भी किसान बीमा राशि से वंचित नहीं रहना चाहिए। यदि इसकी शिकायत आती है तो कृषि अधिकारी और पटवारी की जिम्मेदारी तय की जाए।

बैठक में बिरला ने कहा कि किसानों की शिकायत है कि सर्वे के दौरान अधिकारी उनसे खाली प्रपत्र पर हस्ताक्षर करवा लेते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। अधिकारी मौके की जांच कर प्रपत्र में वास्तिविक ब्यौरा अंकित करें। साथ ही बीमा कम्पनियों को किसानों के नुकसान की सूचना ऑफलाइन लेने को भी पाबंद करें। जीएसएस और किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी किसानों को बीमा फार्म तथा गिरदावरी में फसल अपडेट करने को जागरूक करें। बैठक में सभागीय आयुक्त दीपक नंदी, जिला कलक्टर ओपी बुनकर, बूंदी कलक्टर रविंद्र गोस्वामी दोनों जिलों के विभिन्न अधिकारी मौजूद थे। 

खेतों में पहुंच बिरला ने जानी किसानों की पीड़ा
इससे पहले स्पीकर ओम बिरला ने कोटा और बूंदी, दोनों जिलों में खेतों में जाकर अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान को मौके पर जाकर देखा। बिरला ने किसानों को आश्वस्त किया कि विपदा की इस घड़ी में वे किसानों के साथ हैं। स्पीकर बिरला सबसे पहले रंगपुर गांव पहुंचे तो वहां किसान जगजीत सिंह अपने 40 बीघा के खेत में जमीन पर आड़ी फसल के बीच मायूस खड़ा था। बूंदी जिले के गामछ में बुजुर्ग किसान गोबरी लाल, गुड़ली में किसान कन्हैया सहित कई अन्य किसानों ने कहा कि धान, उड़द और सोयाबीन में एक भी दाना नहीं बचा है।

सर्वे में पूरा ब्यौरा दर्ज करवाएं किसान
स्पीकर बिरला ने इस दौरान किसानों से कहा कि सर्वे के दौरान वे नुकसान का पूरा ब्यौरा दर्ज करवाएं। सर्वे करने आई टीम से मौके पर ही प्रपत्र में नुकसान अंकित करने को कहें, उसके बाद ही हस्ताक्षर करेें।