इन्वेस्ट राजस्थान समिट: राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक हजार करोड़

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जयपुर। राज्य सरकार की ओर से जयपुर में जेईसीसी में आयोजित इन्वेस्ट राजस्थान समिट-2022 के तहत शुक्रवार को टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इसमें राज्य सरकार के मंत्री, अधिकारियों एवं इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।

टूरिज्म कॉनक्लेव में ‘ए गेम चेंजर फॉर इकोनोमिक ग्रोथ’ विषयक सत्र के दौरान पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड के बाद पर्यटन उद्योग को फिर से गति के लक्ष्य को ध्यान में रखकर अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन उद्योग के विकास की अपार संभावनाएं हैं। लोग नई चीजें देखना चाहते हैं।

राज्य सरकार का प्रयास है कि पर्यटन की दृष्टि से नए सर्किट विकसित किए जाएं। उन्होंने पूर्वी राजस्थान को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की आवश्यकता जताई और निवेशकों से इस क्षेत्र में नई संभावनाएं तलाश कर पर्यटन के नए आयाम विकसित करने के लिए कहा।

इस अवसर पर पर्यटन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में मध्यम वर्ग को आकर्षित करने के लिए उद्यमियों और स्टार्टअप्स को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य की कला, संस्कृति, यहां के जंगल और रेगिस्तान, सब में अलग ही आकर्षण है, जो देश विदेश के पर्यटकों को लुभाता है। मीणा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्यटन विकास के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में ग्रामीण पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं ।

सत्र में राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिछले चार सालों में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में एक हजार करोड़ का पर्यटन विकास कोष का प्रावधान किया गया है, जिससे राजस्थान के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाई मिलेगी।

इसके अलावा राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने, पर्यटन नीति लागू करने, राजस्थान फिल्म टूरिज्म प्रमोशन पॉलिसी तथा राजस्थानी इको को टूरिज्म पॉलिसी जैसी अनेक नीतियां और योजनाएं लागू करने जैसे अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आरटीडीसी के होटल्स को फिर से उनका पुराना वैभव लौटाने के लिए भी काम करना शुरु कर दिया है।

सत्र का संचालन करते हुए द ट्री हाउस रिसोर्ट के सुनील मेहता ने कोरोना महामारी के बाद पर्यटकों का टूरिज्म के प्रति रुझान बढ़ा है। राजस्थान में ईको टूरिज्म, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म और प्राकृतिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं, जिन्हें विकसित कर पर्यटकों को बड़े स्तर पर आकर्षित किया जा सकता है।

द इंडियन होटल्स कम्पनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक पुनीत चटवाल ने कहा कि पर्यटन गतिविधियों को पर्यावरण अनुकूल बनाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थानीय कला-संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित और पोषित करने वाला होना चाहिये।

इस अवसर पर प्रख्यात फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली ने कहा कि फिल्मों के जरिये राजस्थान के पर्यटन को प्रोत्साहन दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फिल्मों में दिखाई गई लोकेशन्स आम आदमी को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

सत्र में दौरान आनंद ग्रुप के जैसल सिंह, पर्वतारोही संजय बोस, फिल्मकार एवं पर्यावरणविद् प्रदीप कृष्ण ने भी राज्य में पर्यटन के वर्तमान परिदृश्य तथा भविष्य में विकास की संभावनाओं पर विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड ने राज्य सरकार द्वारा गत चार वर्षों में पर्यटन प्रोत्साहन के लिए किये गए कार्यों एवं नीतिगत सुधारों के बारे में जानकारी दी।