250 ड्रोन ने आसमां में लिख दिया पधारो म्हारे देस, यूफोरिया बैंड ने मचाई धूम

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कोटा में सोमवार की रात को दशहरा मैदान में ड्रोन शो देखते पब्लिक

कोटा। दो साल बाद उत्सव के प्रतीक दशहरा मैदान पर सोमवार को एक बार फिर रात रोशन हुई। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से आयोजित नेशनल डिफेंस एमएसएमई एक्सपो के तहत ड्रोन लाइट शो और यूफोरिया पॉप बैंड शो आयोजित किया गया।

अंधेरा समेटे आसमान को झिलमिलाते-जगमगाते 250 ड्रोन ने सजा दिया। जैसे ही एक साथ इतने सारे ड्रोन हवा में उड़ते नजर आए लोगों खासकर बच्चों ने जोरदार तालियां बजाईं। इसके बाद अलग-अलग दिशाओं में ड्रोन एक के बाद एक विभिन्न प्रकार की आकृतियां बनाते चले गए।

हरी-पीली-नीली रोशनी बिखेरते ड्रोन्स ने जमीन से ऊपर उठने के बाद सबसे पहले पृथ्वी का नक्शा बनाया। इसके बाद से कभी भारत का नक्शा बनाया तो कभी आसमान में राजस्थान की संस्कृति की झलक दिखाई। राजस्थानी पगड़ी, मूंछ, घूमर करती महिला, ऊंट की आकृतियां, आई लव राजस्थान बनाईं। पधारो म्हारे देश की आकृति देखकर लोगों ने खूब शोर मचाया।

ड्रोन शो का समापन अगले माह गांधी नगर में आयोजित होने जा रहे एशिया के सबसे बड़े डिफेंस एक्सपो के आमंत्रण के साथ हुआ। ड्रोन्स ने ‘‘सी यू एट डेफ एक्सपो‘‘ की आकृति बना सबको गांधी नगर पहुंचने का आव्हान किया। ड्रोन शो के दौरान पूरे समय लोग एकटक ऊपर देखते रहे।

माय री‘ से बॉलीवुड तक नचाते रहे पलाश
वहीं ड्रोन शो से पहले जैसे ही यूफोरिया बैंड स्टेज पर पहुंचा और डा. पलाश सेन ने गाना शुरू किया, वहां मौजूद एक-एक व्यक्ति झूमने लगा। रोक सको तो रोक लो से शुरू करते हुए उन्होंने अपने हिट गानों की झड़ी लगा दी। धूम पिचक धूम, कैसे भूलेगी मेरा नाम, आगे जाने राम क्या होगा, कभी आना तू मेरी गली जैसे गीत जैसे-जैसे गूंजते रहे वहां लोगों का थिरकना बढ़ता गया। राजस्थान की मिट्टी की खुश्बू समेटे राजा-राणी जी गीत को भी दर्शकों ने काफी पसंद किया। यूफोरिया बैंड ने बहुत से बॉलीवुड गोनों की पैरोडी भी प्रस्तुत की। पलाश के बैंड के सदस्यों की स्टेज पर मस्ती ने सभी को जोश और उमंग से भर दिया।

कोटा में टैलेंट को बढ़ावा देना हैः बिरला
कार्यक्रम के दौरान स्पीकर बिरला ने कहा कि ड्रोन शो आईआईटी दिल्ली में पढ़ रहे बच्चों के स्टार्ट-अप ने तैयार किया है। भविष्य में यह युवा 3500 ड्रोन का शो करने वाले हैं। हमारे देश के आईआईटीज में अधिकांशतः कोटा में रहे बच्चे पढ़ रहे हैं। यहां आने वाले प्रत्येक बच्चे में टैंलेंट हैं। हमें इस टैंलेट को आगे बढ़ाना है।