नई पीढ़ी को मातृभाषा के प्रति जागृत करना होगा: लोक सभा स्पीकर बिरला

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भारतेन्दु हरिश्चंद्र जयंती पर लोक सभा अध्यक्ष ने किया साहित्यकारों का सम्मान

कोटा। भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने मातृभाषा के गौरव को नया आयाम दिया। उन्होंने हिन्दी साहित्य को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनसे प्रेरणा लेकर हमें नई पीढ़ी में भी मातृभूमि के प्रति गौरव जागृत करना आवश्यक है। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह बात गुरूवार को भारतेंदु हरिशचंद्र जयंती की पूर्व संध्या पर भारतेन्दु समिति की ओर से आयोजित साहित्यकार सम्मान समारोह में कही।

स्पीकर बिरला ने कहा कि भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने हिन्दी साहित्य की जो सेवा की और हिन्दी में जितना कुछ लिखा वह असाधारण है। उन्होंने अपने अध्ययन और परिश्रम से भारतीय साहित्य को समृद्ध किया। उनकी रचनाओं में गऱीबी, ग़ुलामी और शोषण का जिस प्रकार विरोध किया गया, वह आज भी हमें एक समरसतापूर्ण समावेशी समाज साकार करने को प्रेरित करता है।

उन्होंने कहा कि साहित्यकार कभी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटे हैं। जब भी कोई चुनौती आई तो उन्होंने अपनी कलम की ताक़त से देश और समाज का साथ दिया। आज़ादी के बाद इन 75 सालों की यात्रा में भी साहित्यकारों ने मातृभाषा का उपयोग करते हुए समाज, देश और सरकारों को राह दिखाई।

बिरला ने कहा कि बदलती परिस्थितियों में नई पीढ़ी मातृभाषा से दूर होती दिख रही है। यह चिंता का विषय है। हमें अपने बच्चों को अधिक से अधिक भाषाएं सीखानी चाहिएं, लेकिन उन्हें अपने हृदय में मातृभाषा के प्रति प्रेम और आदर भी जीवित रखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। भारतेंदु जयंती के अवसर पर हम यही संकल्प धारण कर उसे सिद्धी तक पहुंचाएं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस महानिरीक्षक खमेसरा ने कहा कि मोबाइल आने से पहले बच्चे पत्र-पत्रिकाएं पढ़ते हुए बड़े होते थे। पत्र-पत्रिकाएं उनके ज्ञान का समृद्ध माध्यम होती थी। लेकिन मोबाइल ने बच्चों को साहित्य से दूर कर दिया है। यही उनका मातृभाषा से दूर होने का भी एक कारण है। हमें स्कूल और कॉलेजों के माध्यम से भावी पीढ़ी को एक बार फिर साहित्य से जोड़ने के प्रयास करने होंगे।

कार्यक्रम समन्वयक तथा कोटा नागरिक सहकारी बैंक व माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष राजेश बिरला ने कहा कि साहित्यकारों को देश और समाज के साथ नई पीढ़ी से जुड़े विषयों पर भी रचनाएं लिखनी होंगी। इससे वे साहित्य से अधिक जुड़ाव महसूस करेंगे। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए समिति के अध्यक्ष हरिकृष्ण बिरला ने कहा कि हिंदी आम बोलचाल की भाषा है। हिन्दी को पुष्पित-पल्लवित करने और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए हमें सामूहिकता से प्रयास करने होंगे। इस प्रयास में समिति हरसंभव सहयोग करने को तत्पर हैं। समिति के महामंत्री सुनील जायसवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इन साहित्यकारों का हुआ सम्मान
कार्यक्रम के दौरान बीकानेर के डॉ. अन्नाराम शर्मा, कोटा के डॉ. गिरी गिरीवर व रचना गौड़, भारती, बंगलुरू की डॉ. कविता सिंह प्रभा, अहमदाबाद के डॉ. रजनीकांत शाह, गुरूग्राम के डॉ. रघुवीर सिंह बोकन व सुरेखा शर्मा, नई दिल्ली की मीनू त्रिपाठी, तेलंगाना के एम. श्रीनिवास राव को साहित्यश्री सम्मान से सम्मानित किया गया।