नई दिल्ली। भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (New Chief Justice) जस्टिस यूयू ललित (UU Lalit) होंगे। निर्वतमान सीजेआई जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें नामित किया है। मनोनीत सीजेआई उदय उमेश ललित ने अगले सीजेआई के रूप में अपने 74 दिनों के कार्यकाल के दौरान उन सुधारों के संबंध में तीन प्रमुख घोषणाएं कीं जिन्हें वह लाने का प्रयास करेंगे। निर्वतमान सीजेआई एनवी रमना के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई समारोह में बोलते हुए न्यायमूर्ति ललित ने ये तीन प्रमुख घोषणाएं की हैं।
- लिस्टिंग सिस्टम में और पारदर्शिता लाएंगे।
- संबंधित पीठों के समक्ष अत्यावश्यक मामलों का स्वतंत्र रूप से उल्लेख करने के लिए एक प्रणाली होगी।
- पूरे साल एक संविधान पीठ के कामकाज के लिए प्रयास करेंगे।
एनवी रमना के विदाई समारोह में बोलते हुए जस्टिस यूयू ललित ने कहा, ‘मैं 74 दिनों की अपनी अगली पारी में कुछ हिस्सों को रखने की इच्छा रखता हूं। ये तीन क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि हमें प्रयास करना चाहिए लिस्टिंग को यथासंभव स्पष्ट, पारदर्शी बनाना कठिन है। दूसरा क्षेत्र जो अत्यावश्यक बात का उल्लेख करता है। मैं निश्चित रूप से उस पर गौर करूंगा। बहुत जल्द आपके पास एक स्पष्ट व्यवस्था होगी। जहां किसी भी जरूरी मामले को संबंधित अदालतों के समक्ष स्वतंत्र रूप से उल्लेख किया जा सकता है।’
उन्होंने तीसरे क्षेत्र के बारे में कहा कि मामलों को संविधान पीठों के समक्ष सूचीबद्ध करना और ऐसे मामले जो विशेष रूप से तीन न्यायाधीशों की पीठों को भेजे जाते हैं। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका स्पष्टता के साथ कानून बनाने की है। ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका है कि एक बड़ी बेंच हो, ताकि मुद्दों को तुरंत स्पष्ट किया जा सके। इससे एकरूपता बनी रहे और लोग इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हों कि कानून की अजीबोगरीब स्थिति की रूपरेखा क्या है। हम पूरे सालभर में कम से कम एक संविधान पीठ हमेशा काम करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
वहीं, अपने विदाई समारोह में निर्वतमान सीजेआई एनवी रमना ने भी अपनी बाते सभी के सामने रखीं। उन्होंने कहा कि इन धारणाओं को दूर करना और न्यायपालिका के आसपास जागरूकता पैदा करने और विश्वास पैदा करने के माध्यम से संविधान को लोगों के करीब लाना मेरा संवैधानिक कर्तव्य था।