नई दिल्ली। एक महीने के उच्च स्तर पर पहुंचने के एक दिन बाद ही रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले 62 पैसे टूटकर 79.15 पर बंद हुआ। यह रुपये में 7 मार्च, 2022 के बाद चालू वित्त वर्ष में अब तक की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है।
जुलाई में व्यापार घाटा बढ़ने, सेवा क्षेत्र की वृदि्ध की रफ्तार धीमी पड़ने और ताइवान को लेकर अमेरिका एवं चीन के बीच तनाव से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई, जिससे घरेलू मुद्रा पर दबाव बढ़ा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोरी के साथ 78.70 पर खुला। दिन में इसमें और गिरावट देखने को मिली। इससे पहले मंगलवार को रुपया 11 महीने में एक दिन की सर्वाधिक तेजी यानी 53 पैसे मजबूत होकर एक माह के उच्च स्तर 78.53 पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, अन्य एशियाई मुद्राओं के मुकाबले रुपये का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा। बीएनपी पारिबास में शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और विदेशी कोषों का निवेश बढ़ने से रुपये की गिरावट पर कुछ अंकुश लगा।