नयी दिल्ली। भारत का पाम तेल आयात इस साल जून में मामूली रूप से बढ़कर 5,90,921 टन हो गया। हालांकि, आरबीडी पामोलिन तेल के आयात में तेज वृद्धि देखी गई। उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने बुधवार को यह जानकारी दी। विश्व के प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार देश भारत ने जून, 2021 में 5,87,467 टन पाम तेल का आयात किया था।
एसोसिएशन ने सरकार से खाद्य तेल की घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) प्रणाली के तहत कच्चे सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के शुल्क-मुक्त आयात को निर्धारित कोटा बढ़ाने की भी मांग की है। वनस्पति तेलों (खाद्य और अखाद्य तेल दोनों) का कुल आयात इस साल जून में घटकर 9.91 लाख टन रह गया जो एक साल पहले की समान अवधि में 9.96 लाख टन था।
देश के कुल वनस्पति तेल आयात में पामतेल का हिस्सा लगभग 50 प्रतिशत है। सरकार ने 24 मई को टीआरक्यू प्रणाली के तहत वर्ष 2022-23 और वर्ष 2023-24 के लिए शून्य शुल्क पर 20 – 20 लाख टन कच्चे सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात की अनुमति दी थी। टीआरक्यू निर्दिष्ट या शून्य शुल्क पर आयात की एक निश्चित मात्रा के लिए कोटा है, लेकिन कोटा पूरा हो जाने के बाद, अतिरिक्त आयात पर सामान्य शुल्क दर लागू होती है।
एसईए के अनुसार, टीआरक्यू लाइसेंस पिछले तीन वर्षों के प्रदर्शन के विपरीत रिफाइनिंग क्षमता के आधार पर जारी किए जाते हैं, जैसा कि 10 जून, 2022 की पहली अधिसूचना में अधिसूचित किया गया है। इससे वास्तव में कई प्रसंस्करण कंपनियों को बहुत कम कोटा प्राप्त होता है।’’
एसोसिएशन ने कहा कि उसने सरकार से इस मुद्दे पर फिर से विचार करने के लिए कहा है और पिछले तीन वर्षों के पिछले प्रदर्शन के औसत के अनुसार क्षमता को भी महत्व देकर कोटा आवंटित करने का सुझाव दिया है। एसईए ने इसके लिए सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल में प्रत्येक के लिए कोटा सीमा को 20 – 20 लाख टन तक बढ़ाकर उन्हें अतिरिक्त कोटा दिये जाने की मांग की है।
पाम तेल उत्पादों में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात इस साल जून में 12 प्रतिशत घटकर 5.07 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 5.76 लाख टन था। हल्के तेलों में सोयाबीन तेल का आयात इस साल जून में 12 प्रतिशत बढ़कर 2.30 लाख टन हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 2.06 लाख टन था।
सूरजमुखी तेल का आयात 32 प्रतिशत घटकर 1.19 लाख टन रह गया, जो पहले 1.75 लाख टन था। एसईए के अनुसार, इस साल एक जुलाई तक खाद्य तेलों का स्टॉक छह लाख टन होने का अनुमान था और लगभग 16.56 लाख टन आने की प्रक्रिया में था। तेल वर्ष 2021-22 की नवंबर-जून अवधि के दौरान, देश का कुल वनस्पति तेलों का आयात एक साल पहले की समान अवधि के 86.74 लाख टन की तुलना में मामूली बढ़कर 87.60 लाख टन हो गया।