क्रिप्टोकरेंसीज भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरा, आरबीआई गवर्नर ने कहा

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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज पर अपना रुख स्पष्ट किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने क्रिप्टोकरेंसीज को देश के फाइनेंशियल सिस्टम के लिए खतरा बताया है।

दास ने आरबीआई की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट (FSR) के 25वें इश्यू में कहा कि हमें इसके उभरते खतरों से सावधान रहने की जरूरत है। हाल के वर्षों में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की लोकप्रियता बढ़ी है लेकिन इनके बारे में अब तक कोई कानून नहीं है। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टीडीएस लगाने की घोषणा की गई थी। यह प्रावधान एक जुलाई से प्रभावी होने वाला है।

दास ने गुरुवार को जारी इस रिपोर्ट के फोरवर्ड में लिखा है कि क्रिप्टोकरेंसीज साफ-साफ खतरा हैं। टेक्नोलॉजी से फाइनेंशियल सेक्टर की पहुंच बढ़ाने में मदद मिली है और इसका फायदा उठाया जाना चाहिए। लेकिन इस बात का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए कि इससे फाइनेंशियल स्टैबिलिटी को कोई खतरा पैदा न हो। फाइनेंशियल सिस्टम तेजी से डिजिटाइज्ड हो रहा है और इसके साथ ही साइबर खतरें भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस पर खास ध्यान देने की जरूरत है।

क्रिप्टो मार्केट में भारी गिरावट: रिपोर्ट के मुताबिक क्रिप्टो एसेट्स फाइनेंशियल सिस्टम के लिए खतरा हैं और सरकार को इससे निपटने के लिए प्रभावी कदम उठान की जरूरत है। दुनियाभर में इसके जोखिम से निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं। महंगाई के दबाव में मॉनीटरी पॉलिसी को सख्त बनाया गया है जिसका असर क्रिप्टो ईकोसिस्टम पर भी देखने को मिल रहा है। इससे साफ है कि वित्तीय स्थिरता और ग्राहकों तथा निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट ऐसे समय आई है जबकि क्रिप्टोकरेंसीज मार्केट में हाल में भारी गिरावट आई है। रिपोर्ट में क्रिप्टो एसेट्स, स्टैबलकॉइन, डीफाई और क्रिप्टो एसेट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स से जुड़े खतरों के बारे में आगाह किया गया है।