नई दिल्ली/कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयास एक बार फिर राजस्थान के मनरेगा श्रमिकों के लिए राहत लेकर आए हैं। स्पीकर बिरला की कोशिशों से केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राजस्थान को 1900 करोड़ रूपए जारी किए हैं।
राजस्थान में मनरेगा कार्यक्रम को अधिक से अधिक फंड दिलवाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने विगत माह केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से राजस्थान में मनरेगा कार्यक्रम के लिए राशि जारी किए जाने को लेकर बात की थी।
स्पीकर बिरला ने केंद्रीय मंत्री से कहा था कि सामग्री मद में राशि जारी नहीं होने के कारण राजस्थान की अनेक पंचायतों में मनरेगा के तहत कार्य स्वीकृति होने के बाद भी प्रारंभ नहीं हो पा रहे हैं। जो कार्य चल रहे हैं या पूरे हो गए हैं उनका भी सामग्री मद का भुगतान कई माह से अटका हुआ है। इस कारण श्रमिकों को आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है, साथ ही ग्राम पंचायतें स्थाई प्रकृति के सामग्री परक कार्यों को करने से कतरा रही है, जिससे विकास कार्य अटक गए हैं।
इसके अलावा प्रशासनिक मद में राशि जारी नहीं होने से संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों सहित अन्य कार्यालय व्यवस्था कार्यो का भुगतान रूका हुआ है। प्रशासनिक मद से होने वाले कार्य की गति भी धीमी पड़ गई है। ग्रामीण विकास की आवश्यकताओं को देखते हुए सामग्री और प्रशासनिक मद में राशि जारी किए जाने की तत्काल आवश्यकता है।
इसके बाद वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए गत 15 जून को मजदूरी के मद में 1168 करोड़ जारी किए गए थे। इसके बाद अब सामग्री और प्रशासनिक मद में 1900 करोड़ रूपए जारी किए गए हैं। यह राशि मिलने के बाद प्रदेश में मनरेगा के तहत होने वाले विकास कार्यों में तेजी आएगी जिसका लाभ ग्रामीणों को मिलेगा।
पांच माह में दिलाए 4322 करोड़
स्पीकर बिरला के प्रयासों से फरवरी से जून माह तक प्रदेश को मनरेगा में 4322 करोड़ मिल चुके हैं। गत 11 फरवरी को राजस्थान में मनरेगा की समीक्षा के दौरान मनरेगा श्रमिकों को भुगतान नहीं होने के विषय पर भी स्पीकर बिरला की मंत्री गिर्राज सिंह से चर्चा हुई थी। इसके तत्काल बाद मंत्रालय ने श्रमिकों के भुगतान के लिए 1254 करोड़ जारी किए थे। इसके बाद 15 जून को 1168 करोड़ और अब 1900 करोड़ जारी किए गए हैं।