अब तक 30 लाख टन गेहूं निर्यात, कुछ देशों के अनुरोध पर निर्यात का विचार

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नयी दिल्ली। भारत ने चालू वित्त वर्ष में अब तक लगभग 30 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है। साथ ही अनाज की आपूर्ति के लिए कुछ देशों के अनुरोध पर विचार किया जा रहा है। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी।

आटा (आटा) निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की योजना के बारे में, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और उचित समय पर कदम उठाएगी। सरकार ने गेहूं की घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने और मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी जो 13 मई से प्रभावी हुआ था। हालांकि, सरकार ने कहा था कि वह अलग अलग मामलों के आधार पर अन्य देशों को गेहूं निर्यात की अनुमति देने के बारे में सोचेगी।

खाद्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव पार्थ एस दास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कई देशों से अनुरोध आए हैं, उन पर विचार किया जा रहा है।’’ दास ने हालांकि उन देशों के नामों का खुलासा नहीं किया जिन्होंने भारतीय गेहूं के लिए अनुरोध किया है।

अधिकारी ने कहा कि कुछ देशों के लिए कुछ मात्रा को मंजूरी दी गई है। उदाहरण के लिए, 1.5 लाख टन गेहूं बांग्लादेश को निर्यात किया गया है। उन्होंने कहा कि देश ने चालू वित्तवर्ष में 14 जून तक कुल 29.70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है। इसी अवधि में गेहूं के आटे (आटा) का निर्यात 2.59 लाख टन था।

एक देश, एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना के तहत राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ के संदर्भ में, सचिव ने कहा कि इसे अब पूरे भारत में लागू कर दिया गया है, इस योजना को लागू करने वाला असम अंतिम राज्य है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों और अन्य केंद्रीय मंत्रालयों को सही नीतियां और कार्यक्रम तैयार करने के लिए ‘ओएनओआरसी’ के आंकड़ों का उपयोग करने के लिए कहा गया है। आंकड़ों का उपयोग आयुष्मान भारत, पीएम-किसान, ई-श्रम जैसी अन्य योजनाओं में किया जा सकता है।