नई दिल्ली/कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व और मार्गदर्शन में लोकसभा के कामकाज में तो व्यापक सुधार हुआ ही है, बेहतर वित्तीय प्रबंधन से तीन वर्ष में 668.86 करोड़ रूपए भी बचाए गए हैं।
लोकसभा अध्यक्ष का दायित्व संभालने के बाद से ही स्पीकर बिरला ने वित्तीय प्रबंधन को खासा महत्व दिया। अनावश्यक व्यय को समाप्त करना, तकनीक का उपयोग बढ़ाकर कागज की संख्या के उपयोग में खासी कमी तथा लोकसभा सचिवालय की खरीदारी में सरकार के जेम पोर्टल को प्रोत्साहित करने जैसे कदमों ने सरकारी धन की बचत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
15वीं से 6 गुना तो 16वीं से डेढ़ गुना बचत
आंकड़ों को देखें 17वीं लोकसभा के पहले वर्ष 2019-20 में आवंटित बजट में से 151.08 करोड़, 2020-21 में 251.31 करोड़ तथा 2021-22 में 258.47 प्रतिशत बचत की गई। तीन वर्ष के आवंटित बजट में यह राशि करीब 27 प्रतिशत है। इसकी तुलना में 12वीं लोकसभा में 7.01 करोड़, 13वीं में 99.52 करोड़, 14वीं में 145.07 करोड़, 15वीं में 94.17 करोड़ तथा 16वीं लोकसभा में 461 करोड़ की बचत की गई थी।