नई दिल्ली/कोटा। दुनिया के सबसे समृद्ध पुस्तकालयों में एक संसद की लाइब्रेरी (Parliament Library) बहुत जल्द आपके मोबाइल और कम्प्यूटर पर होगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल संसद के पुस्तकालय का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। इसके साथ बिरला के निर्देश पर पहली बार देश की जनता को संसद पुस्तकालय के ऑनलाइन उपयोग की अनुमति दी जा रही है। इसके अलावा आमजन को पुस्तकालय में फिजिकली विजिट की सुविधा भी मिलेगी।
संसद के पुस्तकालय में राजनीति, कला, विज्ञान, अंतरिक्ष, साहित्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में लाखों पुस्तके हैं। इसके अलावा इतिहास के प्रमुख किरदारों से लेकर आधुनिक भारत के महान नेताओं के बारे भी हजारों पुस्तकें हैं। यह पुस्तकालय शोध और संदर्भ के लिए सूचनाएं और जानकारी एकत्रित करने का भी महत्वपूर्ण स्रोत है। लेकिन यह पुस्तकालय सिर्फ सांसदों को ही उपलब्ध था। देश के आमजन की इस तक कोई पहुंच नहीं थी।
इसी को देखते हुए स्पीकर बिरला ने संसद के पुस्तकालय के डिजिटाइजेशन की पहल की। डिजिटाइज्ड पुस्तकों को देश-विदेश के लोग ऑनलाइन पढ़ सकें, इसके लिए इसी वर्ष जुलाई में एक पोर्टल लांच करने की तैयार की जा रही है।
पोर्टल पर स्लाॅट होंगे बुक
देश के आमजन को संसद के पुस्तकालय को फिजिकली विजिट करने की भी सुविधा मिलेगी। इसके लिए जुलाई में लांच किए जाने वाले पोर्टल पर स्लाॅट की बुकिंग की जा सकेगी।
एक प्लेटफार्म पर आएंगे विधानमंडलों के पुस्तकालय
स्पीकर बिरला की भारत के विधायी पुस्तकालय के निर्माण की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में भी तेजी से कात जारी है। संसद ग्रंथालय के साथ 12 विधानसभाओं के पुस्तकालयों को इंटीग्रेट करने की प्रक्रिया की जा रही है। इसके अलावा नीति आयोग के साथ समन्वय कर देश के सभी प्रमुख पुस्तकालयों के साथ संसदीय पुस्तकालय के एकीकरण की परियोजना पर भी काम चल रहा है।