निर्यात पर राेक लगाने से एक कराेड़ क्विंटल गेहूं गुजरात बंदरगाह पर अटका

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कोटा। केंद्र सरकार के गेेहूं निर्यात पर राेक लगाने से देशभर का करीब एक कराेड़ क्विंटल गेहूं गुजरात के बंदरगाह पर अटक गया है। इसमें हाड़ाैती का करीब 10 लाख क्विंटल गेहूं है। जबकि एक लाख क्विंटल गेहूं रास्ते में है। ऐसे में सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया ताे हाड़ाैती के 200 से अधिक व्यापारियाें का 10 लाख क्विंटल गेहूं वापस मंगाना पड़ेगा। सरकार के इस आदेश के बाद से ही मंडियों में गेहूं के दाम कम हाेने लगे हैं। साेमवार काे मंडी खुलते ही गेहूं के दाम 200 रुपए क्विंटल गिर गए हैं। जानकाराें की मानें ताे अभी दाम और ज्यादा गिर सकते हैं।

कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी ने बताया कि हाड़ाैती में इस बार 23 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार हुई है। उसके बाद भी किसानाें काे यहां 2250 से लेकर 2400 रुपए क्विंटल के भाव मिले हैं। इसका कारण निर्यात ही था। हाड़ाैती से राेज 50 हजार क्विंटल गेहूं निर्यात के लिए भेजा जा रहा था। गेहूं कांडला बंदरगाह पर एकत्र हाे रहा था। वहां से दूसरे देशाें में भेजा रहा था। लेकिन सरकार ने अचानक गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे हाड़ाैती के करीब 200 से अधिक व्यापारियाें का 10 लाख क्विंटल गेहूं वहां अटक गया है। व्यापारियाें का कहना है कि सरकार काे गेहूं का निर्यात बंद करना था ताे 15 दिन का समय देना था।

उन्होंने बताया कि गेहूं काे कांडला बंदरगाह तक भेजने में एक क्विंटल पर करीब 200 रुपए भाड़ा लगा है। वापस लाने में भी इतना ही भाड़ा लगेगा। ऐसे में करीब एक क्विंटल पर व्यापारी काे 400 रुपए का नुकसान है और वहां पाेर्ट पर रखे गेहूं पर भी किराया लग रहा है।

लाेकसभा अध्यक्ष से भी मिले व्यापारी: इस संबंध में काेटा भामाशाहमंडी के व्यापारी साेमवार काे लाेकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिले। व्यापारियाें ने कहा कि सरकार काे प्रतिबंध लगाना है ताे लगाए, लेकिन 15 दिन का समय देना चाहिए था। इससे व्यापारियाें काे नुकसान नहीं हाेता। अब व्यापारियाें ने मांग की है कि जाे गेहूं पाेर्ट पर पहुंच गया है, उसका निर्यात हाेने दें। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष अविनाश राठी, महासचिव महेश खंडेलवाल, विशाल गर्ग, पदम जैन, सुशील गंभीर, मनाेज कटारिया, साेनू सहित अन्य व्यापारी माैजूद थे।

केवल 20 लाख मीट्रिक टन निर्यात : भारत से अभी तक केवल 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं निर्यात हुआ है, जबकि पिछले साल ही 72 लाख मीट्रिक टन गेहूं विदेशाें में गया था। वहीं इस बार सरकार का निर्यात लक्ष्य करीब 150 लाख मीट्रिक टन गेहूं था।