नयी दिल्ली। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने सरकार से आनुवांशिक रूप से संशोधित सोयाबीन मील के आयात की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया है।
सोपा ने बुधवार को कहा कि ऐसा करने से किसानों और स्थानीय प्रसंस्करण करने वालों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
सोपा के अध्यक्ष दावीश जैन ने एक पत्र में कहा, ‘‘भारत में सोयाबीन मील की उच्च कीमतों का हवाला देते हुए पॉल्ट्री उद्योग ने एक बार फिर सरकार से अनुरोध किया है कि उन्हें जीएम (आनुवांशिक रूप से संशोधित) सोयाबीन मील आयात करने की अनुमति दी जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ व्यापारियों और पॉल्ट्री उद्योग द्वारा जीएम सोयाबीन मील के आयात का सुझाव पूरी तरह से प्रतिकूल होगा।’’उन्होंने पशुपालन सचिव अतुल चतुर्वेदी को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि पॉल्ट्री उद्योग 90 लाख टन सोयाबीन मील की मांग करता है, जो पूरी तरह गलत है और तथ्यों द्वारा समर्थित नहीं है।
जैन ने कहा कि आयात के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए इस बढ़ी हुई मांग का दावा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में सोयाबीन मील के आयात का कोई औचित्य नहीं है। सोयाबीन और सोयाबीन मील की ऊंची कीमतें एक वास्तविकता है, जिसे स्वीकार करना चाहिए।