सूरत। सूरत में अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सामाजिक संगठनों द्वारा आयोजित सम्मान कार्यक्रम में प्रबुद्धजनों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए सभी को सामूहिकता के भाव के साथ नवभारत के निर्माण मिशन में जुटना होगा। उन्होंने उपस्थित जनों से यह संकल्प लेने का आह्वान किया कि वर्ष 2047 में जब हम अपनी आजादी की 100वीं वर्षगाँठ मनाए तो उनकी भूमिका उसमें प्रमुख रूप से परिलक्षित हो।
सूरत को विश्व का ज्वेलरी capital बताते हुए उन्होंने कहा कि आज सूरत की जो पहचान है उसे दिलाने में विभिन्न राज्यों से आने वाले कारीगरों तथा उद्यमियों की भूमिका है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि देश के अलग अलग हिस्सों से लोग यहाँ आए और अपनी प्रतिभा एवं परिश्रम के बल पर सफलता अर्जित की। उन्होंने कहा कि राजस्थान से भी यहां बड़ी संख्या में लोग आए और अपनी मेहनत तथा योग्यता के कारण सफल हुए। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि मरुधरा के लोग अपने परिश्रम और संकल्प के बल पर नवाचार करते हैं, काम-धंधों को विस्तार देते हैं, लोगों को जोड़ते हैं तथा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करते हैं।
यह उल्लेख करते हुए कि वैश्विक महामारी एवं अन्य अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के बावजूद हमारा देश आर्थिक-सामाजिक रूप से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि देश की दूरदर्शी नीतियों से ही संभव हो पाया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सरकार के प्रयासों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बिरला ने जोर देकर कहा कि लास्ट माइल कनेक्टिविटी सामाजिक संगठनों की शक्ति है, जिससे सरकारी योजनाओं एवं नीतियों का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जा सकता है।
बिरला ने सामाजिक संगठनों को सुझाव दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों से निकट संपर्क रखें। चाहे ग्राम पंचायत स्तर का जनप्रतिनिधि हो, अथवा नगरपालिका का, विधान सभा का सदस्य हो या संसद का सदस्य हो, वे उनके कार्यों को देखें तथा उन्हें निरंतर अपने सुझाव देते रहें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे न सिर्फ जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान निकलेगा, बल्कि शासन की जवाबदेही बढ़ेगी और शासन में पारदर्शिता भी आएगी।
उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि सरकार तथा संसद द्वारा नागरिकों के बीच संवैधानिक प्रावधानों के संबंध में जागरूकता और ज्ञान में वृद्धि के लिए देशव्यापी Know Your Constitution अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता में सामाजिक संगठनो और समाजसेवियों का योगदान भी आवश्यक है।