आत्मा पर ध्यान केंद्रित करना ही मोक्ष प्राप्ति का सही मार्ग है: प्रज्ञासागर महाराज

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कोटा। पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत बन गई है। बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के लिए वृक्षारोपण एक प्रभावी उपाय है।

वृक्षारोपण का महत्व कई दृष्टिकोण से समझा जा सकता है। पेड़-पौधे हमें छाया, फल, फूल और औषधियां प्रदान करते हैं। इसके अलावा वे वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके वायु की गुणवत्ता में सुधार करते हैं। यह बात आचार्य प्रज्ञासागर महाराज ने राउमावि रानपुर में पौधारोपण के समय कही।

उन्होने ​जीवन का सार समझाते हुए प्रवचन में मोक्ष के महत्व और उसे प्राप्त करने के साधनों पर गहराई से मार्गदर्शन दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संसार और मोक्ष के बीच का भेद समझने के लिए हमें अपने ध्यान और चिंतन की दिशा को पहचानना होगा।

आचार्य ने बताया कि जो व्यक्ति अपने ध्यान और ऊर्जा को केवल अपने शरीर तक सीमित रखता है, वह संसार के चक्र में फंसा रहता है। आचार्य ने आत्मा की शाश्वतता और इसकी दिव्यता पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि आत्मा पर ध्यान केंद्रित करना ही मोक्ष प्राप्ति का सही मार्ग है। जब व्यक्ति अपनी आत्मा के स्वरूप को पहचान लेता है और अपने अंदर छिपी शुद्ध चेतना को जाग्रत करता है, तब वह संसार के मोह-माया और कर्म बंधनों से मुक्त हो सकता है।

पौधारोपण में दिखा उत्साह
नवीन जैन ने बताया कि सकल जैन समाज व रानपुर जैन समाज ने आचार्य प्रज्ञासागर महाराज ससंघ के सानिध्य में 60 पौधे रोपे। यतीश जैन खेड़ावाला ने बताया कि स्कूल प्रांगण में अशोक, जामुन, नीम, कचनार व गुलमोहर के पौधे लगाए गए। सकल जैन समाज के संरक्षक राजमल पाटोदी, अध्यक्ष विमल जैन नांता, मंत्री विनोद जैन टोरडी, कार्याध्यक्ष जेके जैन व प्रकाश बज, उपाध्यक्ष नरेश जैन वेद, मनोज जैसवाल रितेश सेठी, विकास बज सहि​त कई लोग उपस्थित रहे।

संतशाला के जुडे पुण्यार्जक
नवीन जैन ने बताया कि रानपुर जैन मंदिर में संतशाला निर्माण हेतु स्व.कमलादेवी की पुण्य स्मृति में मोहन लाल जैन,कैलाश चंद जी यतीश जैन खेडावाला परिवार के सहयोग से बनाया जाएगा। दीपप्रज्वलन मोहनलाल,कैलाश,यतीश जैन खेडावाला एवं गुरू आस्था परिवार ने किया। मंगलाचारण हर्षिता व मानवी सुरलाया ने किया। शास्त्र भेंट का पुण्यार्जन अनिल, जितेन्द्र, नरेन्द्र, मुकेश, प्रदीप खटोड़ परिवार, सागरमल, अनिल, राजकुमार, तेजस हरसौरा परिवार को प्राप्त हुआ तथा पादपक्षालन रमेश, नवीन, अनिल कुमार दौराया परिवार रानपुर वालों को प्राप्त हुआ।