सप्ताह भर में निवेशकों को 21.66 लाख करोड़ की चपत; सेंसेक्स, निफ्टी 2.4% गिरे

0
6

नई दिल्ली। Stock Market Outlook : घरेलू शेयर बाजारों के लिए यह हफ्ता मुश्किल भरा रहा है। इस सप्ताह (6 जनवरी-10 जनवरी) दोनों प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी लगभग 2.4% गिर गए। इस सप्ताह बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को 21.66 करोड़ रुपये की चपत लगी है।

बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप शुक्रवार (10 जनवरी) को 4,29,67,835 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले शुक्रवार (3 जनवरी) को 45,133,848 करोड़ रुपये था। इस हिसाब से कंपनियों का मार्केट कैप (Mcap) 21.66 लाख करोड़ रुपये घटा है।

इससे पिछले दो सप्ताह से जारी वीकली वृद्धि का सिलसिला टूट गया। सेंसेक्स के लिए यह हफ्ता दवाब भरा रहा और इंडेक्स 1845 अंक टूट गया। पिछले हफ्ते सेंसेक्स 79,223 के स्तर पर बंद हुआ था जबकि इस हफ्ते यह 77,379 पर क्लोज हुआ। इस हिसाब से पिछले पांच ट्रेडिंग सेशन में सेंसेक्स में 1845 अंक की गिरावट आई है।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (निफ्टी50) इस वीक (6 जनवरी-10 जनवरी) 573 अंक गिरकर बंद हुआ। पिछले सप्ताह निफ़्टी 24,004 के स्तर पर बंद हुआ था। जबकि इस हफ्ते यह 23,432 पर बंद हुआ, जो 573 अंक की गिरावट दर्शाता है।

बाजार के 13 प्रमुख सेक्टर्स में से 12 में साप्ताहिक आधार पर गिरावट दर्ज की गई। ब्रॉयडर, अधिक घरेलू स्तर पर केंद्रित स्मॉलकैप और मिडकैप में क्रमशः 7.3% और 5.8% की गिरावट आई। एकमात्र आईटी सेक्टर 2% लाभ के साथ सप्ताह को बंद करने में कामयाब रहा।

इन ट्रिगर पॉइंट्स ने बाजार को किया परेशान

  • भारतीय शेयर बाजार देसी कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों को लेकर चिंताओं के कारण इस सप्ताह दवाब में रहा। सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के बाद अर्थव्यवस्था में संभावित ग्रोथ मंदी का संकेत मिलने के बाद कंपनी रिजल्ट्स में नरमी को लेकर चिंताएं तेज हो गई हैं।
    इसके अलावा विदेशी निवेशकों की घरेलू बाजारों से लगातार जारी बिक्री ने आग में घी डालने का काम किया है। इससे बाजार में उथल-पुथल मच गई।
  • वहीं, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का भी भारतीय बाजार पर बड़ा नेगेटिव असर देखने को मिला। HMPV के भारत में 2 मामले दर्ज किए जाने के बाद बाजार में सोमवार (6 जनवरी) को बड़ी गिरावट आई।
  • डॉलर के मुकाबले रुपया ऑल टाइम लो पर पहुंच गया है। शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे गिरकर पहली बार महत्वपूर्ण 86 के स्तर को छू गया। यह मजबूत अमेरिकी मुद्रा और विदेशी फंडों के भारी ऑउटफ्लो के दबाव का विरोध करने में विफल रहा।