भागवत कथा: प्रभु की भक्ति करनी है तो प्रह्लाद के जीवन चरित्र से प्रेरणा लें

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कोटा। Bhagwat Katha: श्री महर्षि दधीचि छात्रावास में चल रही भागवत कथा के ​तृतीय दिवस कथा व्यास आचार्य पंडित कौशल किशोर दाधीच (रायथल) ने प्रहलाद चरित्र से भक्त का मार्ग दिखाया और शिव- पार्वती विवाह का संवाद सुनाकर सबको आन्नदित किया।

कथा व्यास आचार्य पंडित कौशल किशोर दाधीच ने कथा के दौरान प्रहलाद व भरत चारित्र के प्रसंग की कथा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भक्त प्रह्लाद ने माया-मोह छोड़कर भगवान विष्णु को अपना आराध्य माना। उनकी भक्ति में इतनी शक्ति थी कि उनकी रक्षा के लिए स्वयं श्रीहरि विष्णु ने मृत्युलोक में कदम रखा था। वह हरि के सच्चे भक्त हैं। प्रभु की भक्ति करनी है तो इन दोनों के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए।

कथा के अगले चरण में, शिव-पार्वती विवाह के दिव्य संवाद का वाचन किया गया। आचार्य ने विवाह की कथा को रोचक और भक्तिमय शैली में प्रस्तुत किया, जिससे कथा पंडाल में उपस्थित सभी लोग आनंदित हो उठे। शिव और पार्वती के विवाह की कथा ने श्रद्धालुओं को समर्पण, प्रेम, और भक्ति का महत्व समझाया।

शिव-पार्वती विवाह की कथा के दौरान भोलेनाथ की बारात का वर्णन किया गया। इस अवसर पर दाधीच समाज के लोगों ने भक्ति और आनंद में झूमते हुए बारात का उत्साहपूर्ण प्रदर्शन किया। ढोल-नगाड़ों की धुन पर श्रद्धालु नृत्य करते हुए भगवान शिव की महिमा का गुणगान कर रहे थे। बारात के इस दृश्य ने समूचे पंडाल को उल्लास और भक्तिमय वातावरण से भर दिया।

कथा में श्री महर्षि दधीचि छात्रावास समिति के अध्यक्ष रविंद्र जोशी, मंत्री निमेष पुरोहित एवं कोषाध्यक्ष रामकल्याण दाधीच सहित इस अवसर पर एडवोकेट रामेश्वर दयाल दाधीच, चंद्र प्रकाश दाधीच, नागेश दाधीच, राजेश दाधीच, नरेंद्र मोहन दाधीच, गोपाल दाधीच, नृसिंह दाधीच एवं दिवाकर दाधीच सहित समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

महिला मंडल की अध्यक्ष स्मिता शर्मा एवं मंत्री अंबिका शर्मा के नेतृत्व में ज्योति पुरोहित, आरती दाधीच, ममता दाधीच, मीना दाधीच और आशा दाधीच ने आयोजन की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में अहम योगदान दिया। युवा मंडल की ओर से अध्यक्ष कमल दाधीच के साथ अमित दाधीच एवं कोयला ने व्यवस्था संभाली। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का लाभ लिया।