झालावाड़। मेरे पति ने देश के लिए अपने प्राण कुर्बान किए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से अब उनकी प्रतिमा स्थापित हो रही है। पति की शहादत को सम्मान मिलने से मेरा संघर्ष पूरा हुआ। इसके लिए मैं स्पीकर बिरला की हमेशा आभारी रहूंगी। यह कहना है शहीद पैरा कमांडो मुकुट बिहारी मीणा की वीरांगना अंजना मीणा का।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा दो दिन पूर्व दिल्ली से रवाना की गई अमर शहीद मुकुट बिहारी मीणा की प्रतिमा गुरुवार को झालावाड़ के लढ़ानिया गांव पहुंची। मूर्ति को देख एक ओर जहां ग्रामीणों ने माहौल को भारत माता की जय के नारों से गूंजा दिया वहीं दूसरी ओर उनकी वीरांगना अंजना मीणा प्रतिमा को देख भावुक हो उठी।
अंजना ने कहा कि उनका सपना था कि पति मुकुट बिहारी मीणा की शहादत को उनकी प्रतिमा स्थापित कर सम्मान दिया जाए। यह प्रतिमा पूरे देश के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने। प्रतिमा स्थापित करने की मांग को लेकर वह पिछले 4 साल से संघर्ष कर रही थी।
लेकिन यह सपना सच तब हुआ जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तक प्रतिमा स्थापित किए जाने का आग्रह पहुंचा। अब मुझे यह महसूस हो रहा है मेरा सिंदूर देश के काम आया और मेरे पति हमेशा के लिए अमर हो गए। मुझे उनकी शहादत पर गर्व है।
पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने बताया लोकसभा अध्यक्ष बिरला की ओर से भेंट की गई शहीद मुकुट बिहारी मीणा की प्रतिमा लडानिया गांव पहुंच चुकी है। अब इसको ससम्मान स्थापित किया जाएगा।
हाथ में तिरंगा लिए पिता की प्रतिमा देखती रही आरवी
पैरा कमांडो मुकुट बिहारी मीणा जब शहीद हुए तब उनकी बेटी आरवी की उम्र मात्र 3 माह की थी। इतनी छोटी उम्र में पिता का साया सिर से उठ जाने के बाद गुरुवार को पिता की प्रतिमा की अगवानी करने के लिए आर्मी सेना की यूनिफार्म पहन कर आई। मां की गोद से आरवी लगातार प्रतिमा को एकटक देखे जा रही थी। यह देख वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई।
आतंकियों के हमले में शहीद हुए थे मीणा
ज्ञातव्य है कि 11 जुलाई 2018 को श्रीनगर कुपवाड़ा के जंगलों में छिपे आतंकियों के सर्च अभियान के दौरान मुठभेड़ में झालावाड़ जिले के खानपुर तहसील के लड़ानिया गांव के सपूत कमांडो मुकुट बिहारी मीना शहीद हो गए थे ।