जयपुर। राजस्थान विधानसभा ने बुधवार को राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2022 ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले संसदीय कार्य शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक को चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर सदन में हुई चर्चा के बाद विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के बारे में बताया।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मास्टर प्लान के अनुसार ही सेक्टर प्लान बनाकर नियमों के तहत भूखंडों का नियमन किया जायेगा। नदी, नालों, पानी के बहाव, इकोलॉजिकल क्षेत्र में पट्टे नहीं दिए जायेंगे। संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान के माध्यम से 10 लाख पट्टे वितरित किये जायेंगे।
संसदीय कार्य मंत्री धारीवाल ने बताया कि 17 जून 1999 के बाद कृषि भूमि पर अनेक आवासीय कॉलोनियां बसी है। खातेदार ने छोटे-छोटे भूखंड काट दिये, उन पर निर्माण भी हुए। ऐसे लोगों को अब पट्टे देने में दिक्कत आ रही है। ऐसे भूखंडधारियों को मास्टर प्लान के अनुसार ही पट्टे दिये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि पहले कई तरह के टैक्स लगने की वजह से खातेदार भूमि को रूपांतरित कराने की इच्छा नहीं रखता था और अकृषि कार्यों के पट्टे देना मुश्किल था। इसी तरह अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों ने भी अन्य लोगों को भूमि का बेचान कर दिया है। ऐसे में अब 31 दिसंबर 2021 तक विकसित हो चुकी कॉलोनियों को पट्टे दिये जा सकेंगे। इसीलिए यह विधेयक लाया गया है। पट्टे वितरित करने में मास्टर प्लान का उल्लंघन नहीं किया जायेगा।
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान के माध्यम से 10 लाख पट्टे वितरित किये जायेंगे। उन्होंने कहा शहरी क्षेत्र की चारागाह क्षेत्र की कॉलोनियों को भी जांच कराकर पट्टे दिये जायेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जयपुर में वर्ष 2001 तक जितनी भी गृह निर्माण सहकारी समितियों के दस्तावेज मिले, उनकी बुकलेट बनाई गई है। उनके अनुसार उन्हें पट्टे दिये जा रहे है। उन्होंने कहा कि पट्टे के नियमन में प्राप्त विकास शुल्क से विकास कार्य कराया जायेगा।