नई दिल्ली । भारत में नौकरी से ज्यादा युवा अपना यू-ट्यूब चैनल चलाना पसंद कर रहे हैं। क्योंकि वे अपनी क्रिएटिविटी के जरिए लाखों रुपये महीना कमा रहे हैं। भारत में यू-ट्यूब का मार्केट लगातार भारी ग्रोथ कर रहा है।
यूट्यूब से ना सिर्फ अच्छी कमाई की जा सकती है, बल्कि देश के विकास में भी योगदान दे सकते हैं। यूट्यूबर आज के दौर में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में बेहद अहम रोल अदा कर रहे हैं। ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स रिपोर्ट की मानें, तो साल 2020 में भारतीय यूट्यूबर्स ने देश के अर्थव्यवस्था में 6,800 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
रिपोर्ट की मानें, तो भारत में 6,83,900 फुल टाइम नौकरी पेशा करने वाले लोग जितना भारतीय जीडीपी को मजबूत करते हैं, उतना ही यूट्यूबर भी देश की जीडीपी में योगदान दे रहे हैं। इस तरह यूट्यूबर सरकार पर नौकरी देने के बोझ को कम कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मौजूदा वक्त में 40,000 से ज्यादा ऐसे यूट्यूब चैनलों मौजूद हैं, जिनके चैनल पर एक लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। साथ ही इनकी संख्या सालाना हिसाब से 45 फीसदी की दर से बढ़ रही है। देश में यू-ट्यूब से 6 अंकों यानी एक लाख या इससे ज्यादा की कमाई करने वाले यूट्यूब चैनलों की संख्या में सालाना आधार पर 60 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है।
ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स के सीईओ एड्रियन कूपर ने बताया कि यूट्यूब भारतीय निर्माताओं के लिए उनके पेशेवर लक्ष्य को पाने और उनके बिजनेस को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत में 80 फीसदी से ज्यादा क्रिएटर्स का कहना है कि यूट्यूब प्लेटफॉर्म का उनके गोल पर एक पॉजिटिव असर पड़ा है। वो Youtube चैनल के जरिए अपने पंसदीदा काम को बेहतर ढंस से कर पा रहे हैं।
किस सोशल मीडिया के कितने यूजर
- WhatsApp – 53 करोड़ यूजर
- YouTube – 44.8 करोड़ यूजर
- Facebook – 41 करोड़ यूजर
- Instagram – 21 करोड़ यूजर
- Twitter – 1.75 करोड़ यूजर