खुशखबरी! कच्चे तेल की कीमतें घटकर 108.55 डॉलर प्रति बैरल पर आई

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बीजिंग। रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण तेल की कीमतों में आया उछाल बीते सप्ताह थोड़ा कम हुआ और अब सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान तेल की कीमतों में और गिरावट आई। तेल की कीमतें लगभग 4 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गईं। सोमवार को ब्रेंट क्रूड वायदा 4.12 डॉलर या 3.6% की गिरावट के साथ 108.55 डॉलर प्रति बैरल (0115 जीएमटी) पर था।

वहीं, यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड फ्यूचर्स 3.93 डॉलर या 3.7% की गिरावट के साथ 105.40 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से दोनों अनुबंधों में वृद्धि हुई थी, जिसके बाद यह इस वर्ष के लिए लगभग 40% ऊपर हैं।

रविवार को अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमेन ने कहा कि रूस संकेत दिखा रहा है कि वह यूक्रेन पर पर्याप्त बातचीत करने के लिए तैयार हो सकता है। हालांकि, कि मॉस्को वर्तमान में अपने पड़ोसी को “नष्ट” करने का इरादा रखता है। रूस का आक्रमण, जिसे मॉस्को “विशेष अभियान” कहता है, ने विश्व स्तर पर ऊर्जा बाजारों को हिला दिया है।

पिछले हफ्ते ब्रेंट में 4.8 फीसदी की गिरावट आई थी और यूएस WTI में 5.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। दोनों ने नवंबर के बाद से अपनी सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की थी। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों द्वारा रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करने से पैदा हुई आपूर्ति चिंताओं के कारण तेल की कीमतें 2008 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर तक पहुंच गई थीं।

इसके बाद अब कीमतों में राहत देखने को मिली है। हालांकि, अमेरिका ने रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। उसने हाल ही में इसका ऐलान किया था। कई यूरोपीय देश में इसे लेकर विचार कर रहे हैं। ब्रिटेन ने कहा कि वह साल के अंत तक चरणबद्ध तरीके से रूसी तेल आयात को रोकेगा।

गौरतलब है कि रूस संयुक्त रूप से कच्चे और तेल उत्पादों का दुनिया का शीर्ष निर्यातक है, जो प्रति दिन लगभग 7 मिलियन बैरल या वैश्विक आपूर्ति का 7% शिपिंग करता है।