जयपुर। राजस्थान में 3 लाख 14 हजार 243 से अधिक स्थाई लाइसेंस के आवेदकों ने अंगदान के लिए अपनी सहमति प्रदान कर देश में अनूठा रिकाॅर्ड बनाया है। गहलोत सरकार ने राजस्थान में अगस्त 2020 में ड्राइविंग लाइसेंस के ऑनलाइन आवेदन पत्र में अंगदान की घोषणा को अनिवार्य किया था। गहलोत सरकार के इस नवाचार से डाॅक्टरों और पुलिसकर्मियों को अंगदान के लिए मृतक के परिवार से नहीं पूछना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि एक व्यक्ति के अंगदान से कई व्यक्तियों का जीवन बचाया जा सकता है। लाइसेंस पर लोगो लगा देखकर डाॅक्टर और पुलिसकर्मी द्वारा मृतक के परिवार जनों से मृतक के अंगदान के लिए सहमति लेने में आसानी हो जाती है। परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला का कहना है कि अभिनव पहल को अभियान का रूप दे रहे हैं। लाइसेंस आवेदकों को जागरूकता करने के लिए विभागीय बैठकों में आरटीओ, डीटीओ और परिवहन निरीक्षकों को निर्देश दिए जा रहे हैं।
अब विभाग इस पहल को अभियान के रूप में चलाकर आमजन को लाइसेंस पर सहमति प्रोत्साहित करेगा। परिवहन मंत्री ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस बनाने के समय जो आवेदक अंगदान की सहमति नहीं पाते हैं। वे बाद में भी सहमति दे सकते हैं। इनमें पुराने लाइसेंस को रिन्यू कराते समय, लाइसेंस में नाम, पता और अन्य जानकारी अपडेट कराते समय अंगदान सहमति का विकल्प चुना जा सकता है। यदि लर्निंग लाइसेंस में अंगदान की सहमति नहीं दे पाए तो स्थाई लाइसेंस बनाते समय और लाइसेंस में संशोधन, रिनुअल के समय भी अंगदान की सहमति दी जा सकती है।
सड़क हादसों पर रोकथाम के लिए नवाचार
उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार ने सड़क सुरक्षा को ही सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए दुर्घटनाओं में कमी लाने के कई नवाचार किए है। वहीं, ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए अंगदान को बढ़ावा देने के लिए भी परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग की पहल देश में बड़ा रूप ले चुकी है।