जानिए, भारत में लोकसभा स्पीकर की जिम्मेदारियां और वेतन

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नई दिल्ली। लोकतांत्रिक देश भारत में लोकसभा अध्यक्ष, भारतीय संसद के निम्न सदन का सभापति एवं अधिष्ठाता होता है। इनकी भूमिका वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित किसी भी अन्य शासन-व्यवस्था की तरह वैधायिकीय सभापति के समान होती है। इस पद पर निर्वाचन आम चुनाव के बाद लोकसभा की प्रथम बैठक में ही कर लिया जाता है। इस पर पर बैठने वाला संसद के सदस्यों में से ही होता है, उसे पांच साल के लिए चुना जाता है। लोकसभा अध्यक्ष बनने से पहले उससे अपेक्षा की जाती है कि, वह अपने राजनीतिक दल से इस्तीफा दे दे, ताकि कार्यवाही में निष्पक्षता बनी रहे। वर्तमान में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला हैं, जो कोटा से सांसद है। ये अपनी पूर्वाधिकारी सुमित्रा महाजन के बाद 18वें लोकसभा के अध्यक्ष के तौर पर पदासीन हैं।

अध्‍यक्ष की पावर और जिम्मेदारी
संसद सदस्‍यों की तरह ही लोकसभा अध्‍यक्ष का कार्यकाल भी 5 साल होता है। लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा के सत्रों की अध्यक्षता करता है और सदन के कामकाज का संचालन करता है। अध्यक्ष के पास यह पावर होती है कि वह, इस बात का निर्णय ले कि कोई विधेयक, धन विधेयक है या नहीं। सदन के अंदर मर्यादा और अनुशासन बनाए रखने की जिम्मेदारी भी अध्यक्ष पर ही होती है। अध्यक्ष को सदन की मर्यादा तोड़ने और अनुशासन भंग करने पर किसी भी सदस्य के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का पावर होता है। लोकसभा अध्यक्ष अलग-अलग तरह के प्रस्तावों जैसे अविश्वास प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव, सेंसर मोशन आदि को लाने की अनुमति देता है। अध्यक्ष ही यह तय करता है कि सदन की बैठक में क्या एजेंडा लिया जाएगा है।

मिलता है शानदार वेतन
लोकसभा का स्पीकर, संसद का ही एक सदस्य होता है, इसलिए उसे 1954 के संसद अधिनियम के तहत वेतन, भत्ते और पेंशन मिलती हैं। इस अधिनियम को दिसंबर 2010 में संशोधित किया गया था। इस विशेष अधिनियम के मुताबिक एक लोकसभा स्पीकर को 1 लाख रुपए प्रति माह वेतन मिलता है। साथ ही अध्‍यक्ष को 70,000 हजार रुपए प्रतिमाह का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता भी मिलता है। इसके अलावा स्पीकर को उसके पूरे कार्यकाल के लिए संसदीय सत्र या अन्य समितियों की बैठक में भाग लेने के दौरान 2000 रुपए का दैनिक भत्ता और 2,000 रुपये सत्‍कार भत्‍ता भी दिया जाता है। कार्यकाल पूरा होने के बाद स्पीकर को संसद का सदस्य होने के नाते 2010 के संसद बिल के मुताबिक 20000 रुपए की मासिक पेंशन मिलती है। पेंशन के अलावा स्पीकर को 1500 रुपए का अतिरिक्त भत्ता भी दिया जाता है।

ये मिलती हैं सुविधाएं
लोकसभा अध्‍यक्ष को वो कैबिनेट मंत्रियों की तरह कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। इन्‍हें और इनके परिवार को सदन के मंत्रिमंडल के बराबर यात्रा भत्ता दिया जाता है। लोकसभा अध्‍यक्ष चाहे देश के भीतर यात्रा कर रहा हो या विदेशी दौरा कर रहा हो, उसे मिलने वाली सुविधाओं में फ्री आवास, फ्री यात्रा और फ्री बोर्डिंग शामिल है। स्पीकर को उसके पूरे कार्यकाल के दौरान भारत सरकार की तरफ से बंगला की भी सुविधा दी जाती है। आवास के साथ फ्री बिजली, एक तय सीमा तक फ्री फोन कॉल की सुविधा, मुफ्त नौकर और मुफ्त कर्मचारियों की सुविधा भी अध्‍यक्ष की दी जाती है। इनके अलावा लोकसभा अध्‍यक्ष और उनके परिवार को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं भी मिलती हैं।