कोटा इन्वेस्ट समिट में 2100 करोड़ रुपए के एमओयू हुए

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कोटा। इन्वेस्ट समिट में गुरुवार को करीब 2100 करोड़ रुपए के एमओयू (MOU) हुए। जिनमें ADPL की ओर से 386 करोड़, सोया बेस्ड प्लांट के लिए 230 करोड़, CNG,फर्टिलाइजर प्लांट, मेडिकल कॉलेज व इंडस्ट्रियल पार्क शामिल हैं। इन्वेस्ट समिट का आयोजन देवली अरब रोड़ स्थित एक होटल में प्रभारी व चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा की मौजूदगी में किया गया था।

इस अवसर पर मंत्री परसादी लाल मीणा ने राजस्थान की उद्योग नीति के बारें में निवेशकों को जानकारी देते हुए कहा कि यहां गुजरात से सस्ती बिजली है। 100 करोड़ से ज्यादा निवेश करने पर मुंह मांगी छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि रिसरजेंट राजस्थान में जितना एमओयू, एलओआई हुआ। उसका 5 प्रतिशत ही निवेश धरातल पर उतरा।

पहले निवेश नहीं होता था। कांग्रेस सरकार ने निवेश नीतियों में परिवर्तन किया। औद्योगिक सलाहकार समिति की बैठक 10 साल में पहली बार 2019 में बुलाई गई उस समय मैं उद्योग मंत्री था। सबको बुलाकर चर्चा की, उनके सुझाव पर नई उद्योग नीति 2019 लाए।

नई नीति के तहत निवेशक को 3 साल तक किसी भी तरह की परमिशन लेने की जरूरत नहीं है। उद्योग चल जाए तो 6 महीने में फॉर्मेलिटी पूरी करके परमिशन ले सकते हैं ।
पहले वाली पॉलिसी में इतना दम नहीं था कि निवेशकों को आकर्षित कर सकें। नई पॉलिसी में सरलीकरण किया। एक छत के नीचे 14 विभागों का काम होने लगा। प्रदेश के हर हिस्से में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए। 40 प्रतिशत जमीन सस्ती की। ई-ऑक्शन प्रणाली लागू की।अब जहां चाहें, वहां जमीन मिलेगी।

उन्होंने बताया कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना में स्टाम्प ड्यूटी, कन्वर्जन चार्जेज, मण्डी सेस, विद्युत शुल्क में 7 वर्ष तक 100 प्रतिशत छूट दी जा रही है। मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में 25 लाख तक के लोन पर 8 प्रतिशत ब्याज छूट, 25 लाख रुपये से 5 करोड़ तक के लोन पर 6 प्रतिशत ब्याज छूट का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार 5 करोड़ से 10 करोड़ तक के लोन पर 5 प्रतिशत ब्याज छूट, सर्विस एवं निर्माण क्षेत्रों में प्रदान की जा रही है।