नई दिल्ली। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआइ) ने देश में संचालित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर छापा मारा। सूत्रों ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी सेवा प्रदाताओं के कई दफ्तरों पर तलाशी अभियान चलाया गया। महानिदेशालय को करोड़ों रुपयों के माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी का पता चला है।
क्रिप्टो वैलेट और एक्सचेंज वे मंच हैं, जहां से बिटक्वायन, एथेरियम, रिप्पल आदि डिजिटली लेनदेन किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि DGGI और मुंबई सीजीएसटी को छापेमारी के दौरान 70 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का पता चला है।
सूत्रों ने बताया कि डीजीजीआइ मेसर्स बिटसिफर लैब्स एलएलपी के क्वायन्सविच, मेसर्स नेबलियो टेक्नालाजीज प्रा.लि. के क्वायनडीसीएक्स, मेसर्स आइ ब्लाक टेक्नालाजीज प्रा. लि. के बाययूक्वायन तथा मेसर्स यूनोक्वायन टेक्नालाजीज प्रा.लि. के यूनोक्वायन की जांच कर रहा है।
सूत्रों ने बताया कि ये क्रिप्टो क्वायन को खरीदने और बेचने में बिचौलिए का काम करते हैं। ऐसे में इनकी सेवाओं पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है, लेकिन वे जीएसटी नहीं दे रहे थे।
सूत्रों ने बताया कि ये सेवा प्रदाता बिटक्वायन एक्सचेंज के रूप में काम करते हैं। अपनी सेवा के बदले कमीशन लेते हैं, किंतु जीएसटी नहीं देते। DGGI ने ऐसी ही कर चोरी का पता लगाया है। बता दें कि शुक्रवार को जीएसटी मुंबई ने वजीरएक्स के यहां 40.5 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी थी और 49.20 करोड़ रुपये नगद जब्त किए थे।
गौरतलब है कि सरकार ने मौजूदा शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक विधेयक लाने की तैयारी की थी लेकिन अंतिम समय में उसे टाल दिया गया। यही नहीं हाल ही में आरबीआइ ने निजी क्रिप्टोकरेंसी को गैरकानूनी तरीके से सीमापार वित्तीय लेनदेन या आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई की राह में एक बाधा के तौर पर चिन्हित किया था। आरबीआइ ने एफएटीएफ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि बिना नाम-पहचान वाली क्रिप्टोकरेंसी पूरी अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन रही है।