वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज के लिए 60+ वालों को किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं

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नई दिल्ली। देश में 10 जनवरी से को-मॉर्बिडिटी वाले 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को प्रिकॉशन डोज लगेगी। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐलान किया है कि डोज लेने के लिए डॉक्टर का सर्टिफिकेट नहीं दिखाना होगा। हालांकि मंत्रालय ने यह कहा है कि ऐसे लोगों को डोज लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। गंभीर बीमारियों को को-मॉर्बिडिटी कहते हैं।

इसके साथ ही मंत्रालय ने यह भी बताया है कि 3 जनवरी से 15-18 साल के बच्चों को लगने वाले डोज के लिए ऑनलाइन और ऑन-साइट दोनों तरह से अपॉइंटमेंट बुक किए जा सकेंगे। वैक्सीन उपलब्ध होने पर ही ऑन-साइट अपॉइंटमेंट मिलेगा।

उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में अगले साल चुनाव करवाने की संभावना धीरे-धीरे साफ होती दिख रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां ड्यूटी में तैनात चुनाव कर्मियों को भी फ्रंटलाइन वर्कस की कैटेगरी में शामिल किया जाएगा।

दूसरी डोज के 9 महीने बाद मिलेगी प्रिकॉशनरी डोज
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के CEO और कोविन चीफ डॉ. आर एस शर्मा ने सोमवार को बताया कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन की तीसरी प्रिकॉशन डोज के लिए वही लोग अप्लाई कर सकेंगे, जिन्हें कोरोना की दूसरी डोज लगे हुए 9 महीने बीत चुके हैं और जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। हालांकि डॉ. शर्मा ने इसे बूस्टर डोज कहने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि तीसरे डोज को बूस्टर की जगह प्रिकॉशन डोज कहना ही बेहतर होगा।

इस तरह की बीमारियां हैं लिस्ट में

  • डायबिटीज, किडनी डिजीज या डायलिसिस
  • कार्डियोवैस्कुलर डिजीज
  • स्टेमसेल ट्रांसप्लांट
  • कैंसर
  • सिरोसिस
  • सिकल सेल डिजीज
  • प्रोलॉन्गड यूज ऑफ स्टेरॉयड्स
  • इम्यूनोसप्रैसेंट ड्रग्स
  • मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
  • रेसपिरेटरी सिस्टम पर एसिड अटैक
  • हाई सपोर्ट की जरूरत वाले विकलांग
  • मूकबधिर-अंधापन जैसी मल्टीपल डिसएबेलिटिज
  • गंभीर रेसपिरेटरी डिजीज से दो साल अस्पताल में रहे हों