कन्नौज के इत्र कारोबारी के पास छापे में अभी तक 1000 करोड़ की संपत्ति मिली

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कानपुर। कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घरों से खजाना मिलने का सिलसिला रविवार को जारी रहा। कानपुर में 180 करोड़ रुपये बरामद होने के बाद के बाद कन्नौज से करोड़ों का कैश, 125 किलो सोना और अरबों की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। डीजीजीआई के छापे में अभी तक करीब 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हो चुका है।

कानपुर के बाद डीजीजीआई की टीम पीयूष जैन के कन्नौज स्थित आवासों को खंगाल रही है। पिछले 24 घंटे से पीयूष के सात घरों की दीवारों, तहखानों, अलमारियों और लॉकरों को तोड़ा जा रहा है। जिस अलमारी में कटर चल रहे हैं, उनसे नोटों की बारिश हो रही है। अभेद्य लॉकरों से 125 किलो से ज्यादा सोना मिल चुका है।

कानपुर से लेकर दुबई तक प्रॉपर्टी
छापों में नकदी और गोल्ड के साथ बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी के भी दस्तावेज मिलने शुरू हो गए हैं। अभी तक कानपुर में चार, कन्नौज में सात, मुंबई में दो, दिल्ली में एक और दुबई में दो प्रॉपर्टी सामने आई हैं। इनमें लगभग सभी संपत्तियां सर्वाधिक पॉश इलाकों में खरीदी गई हैं।

नौ बोरों में नकदी, बीस बैग में सोना
कन्नौज में पीयूष के घरों की दीवारें सोना उगल रही हैं जबकि जमीन से कैश के बंडल निकल रहे हैं। छिपट्टी स्थित उनके तिलिस्मी मकान में रविवार शाम तक 125 किलो सोना मिल चुका था। इसे लैपटॉप बैग से कुछ बड़े बीस बैगों में सीज किया गया है। नौ बोरों में नकदी भरी मिली। 50 से ज्यादा झोलों में डीजीजीआई अफसरों ने 350 फाइलें और 2700 दस्तावेजों को भरा है। कैश पीयूष के बेडरूम में बेड के अंदर से बरामद किया गया है। कमरे में ही बेड के नीचे लॉकर भी मिले हैं।

500 चाबियां, 18 लॉकर
डीजीजीआई अफसरों को कन्नौज स्थित परिसरों से 500 चाबियां मिली हैं। ताले खोलने में विजिलेंस टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पहले चार घंटे तक चाबियों को लगाया गया लेकिन असफल रहने पर एक दर्जन कारीगरों को बुलाकर ताला तोड़ने में मदद ली गई। कारीगरों को अलग-अलग जगहों से लाया गया। जिनके ताले नहीं टूटे, उन्हें कटर से कटवाया गया।

एक्सरे मशीन मंगानी पड़ी
पीयूष जैन के किलेनुमा घर की दीवारों को तोड़ने और जमीन की खुदाई में जांच टीम को बड़ी सफलता मिली। यही वजह है कि दो दिन से परिसरों को लगातार तोड़ा जा रहा है। अब तहखाने, दीवारें, चैंबर के नीचे गुप्त खजाने की खोज की जा रही है। टीम को अंदेशा है कि दीवारों के बीच या जमीन के नीचे तिजोरियां हैं। टीम के सूत्रों के मुताबिक कि यही हाल रहा तो पूरा घर खोदना पड़ेगा। इसे देखते हुए एक्सरे मशीन मंगाई है। साथ ही जमीन व दीवारों के पीछे कीमती चीजें खोजने के लिए पुरातत्व विशेषज्ञों की टीम की भी मदद मांगी गई है। ये टीम लखनऊ से सोमवार को कन्नौज पहुंचेगी। एक गोदाम में इत्र बनाने वाला कंपाउंड मिला है।

185 करोड़ घर में, चलते हैं बाइक से
जिसके घर में 185 करोड़ रुपये रखे होंगे, तो कम से कम दो-चार कारों का होना बेहद मामूली बात है लेकिन पीयूष जैन का हिसाब-किताब बल्किुल अलग था। पैसे की गंध भी बाहर न आ पाए, इसके लिए रहन-सहन बेहद साधारण था। 15 साल पुरानी गाड़ी बेचकर हाल में नई गाड़ी ली थी लेकिन पीयूष खुद बाइक पर चलते हैं। उन्होंने आलीशान कोठी बनवाई है लेकिन उसके पीछे की वजह अब सामने आ गई है।

नोटों को भरने के लिए उन्होंने घर की सुरक्षा पर जमकर खर्च किया। पूरे घर की बाउंड्री को चारों तरफ से लोहे की कंटीली बाड़ से घेरा लेकिन सीसीटीवी कैमरा एक भी नहीं लगाया। डीजीजीआई अफसर उस समय हैरत में पड़ गए जब वह बाइक से घर आए। इतना ही नहीं, बैंक डिटेल्स की जांच में पाया कि अभी तक पीयूष के पास 15 साल पुरानी क्वालिस थी। हद से ज्यादा घिसने के बाद क्वालिस को बेचकर इनोवा खरीदी थी लेकिन वह खुद बाइक पर चलते थे।