नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 60 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों को 10 जनवरी से कोरोना वैक्सीन की प्री-कॉशन डोज दिए जाने की प्रोसेस का रविवार को खुलासा कर दिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि यह डोज तभी दी जाएगी, जब बुजुर्ग के पास कॉमोर्बिटिज सर्टिफिकेट मौजूद होगा। वैक्सीन की डोज लेने के इच्छुक बुजुर्गों को पहले एक मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना होगा। इसमें इस बात की पुष्टि होगी कि वे किसी तरह की गंभीर बीमारी होने के कारण कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं।
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) डॉ. आरएस शर्मा ने बुजुर्गों को यह डोज दिए जाने की पूरी प्रोसेस स्पष्ट की है। डॉ. शर्मा ही CoWIN प्लेटफार्म के भी हेड ऑफ फंक्शनिंग हैं, जिसके जरिए देश में कोरोना वैक्सीनेशन कैंपेन चलाया जा रहा है। आइए 8 स्टेप में जानते हैं कि बुजुर्गों को यह डोज किस तरह लगेगी।
22 बीमारियां शामिल हैं कॉमोर्बिटिज लिस्ट में
डॉ. शर्मा ने बताया कि कॉमोर्बिटिज सर्टिफिकेट की डिटेल सरकार पहले ही वैक्सीनेशन कैंपेन के दौरान जारी कर चुकी है। ये डिटेल बुजुर्गों के साथ ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित 45 से 60+ उम्र वाले लोगों का वैक्सीनेशन शुरू करने के दौरान जारी की गई थी। वहीं फॉर्मूला इस समय भी कॉमोर्बिटिज सर्टिफिकेट पर लागू माना जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार की कॉमोर्बिटिज लिस्ट में 22 बीमारियां शामिल हैं।
इन बीमारियों वालों को प्राथमिकता
- डायबिटीज, किडनी डिजीज या डायलिसिस
- कार्डियोवैस्कुलर डिजीज
- स्टेमसेल ट्रांसप्लांट
- कैंसर
- सिरोसिस
- सिकल सेल डिजीज
- प्रोलॉन्गड यूज ऑफ स्टेरॉयडस
- इम्यूनोसप्रैसेंट ड्रग्स
- मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
- रेसपिरेटरी सिस्टम पर एसिड अटैक
- हाई सपोर्ट की जरूरत वाले विकलांग
- मूकबधिर-अंधापन जैसी मल्टीपल डिसएबेलिटिज
- गंभीर रेसपिरेटरी डिजीज से दो साल अस्पताल में रहें हों
10 जनवरी से डोज देने की घोषणा की थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात को 60+ उम्र वाले ऐसे बुजुर्गों को 10 जनवरी से वैक्सीन की प्री-कॉशन डोज देने की घोषणा की थी, जो कॉमोर्बिटिज के दायरे में आते हैं। साथ ही 10 जनवरी से ही फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी प्री-कॉशन डोज देने और 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक की उम्र वाले बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन देने की घोषणा PM मोदी ने की थी।