नई दिल्ली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के 2022 में तीन बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी के ऐलान के बाद रुपया पर और दबाब बढ़ सकता है। भारतीय रुपया गुरुवार को एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 76 के पार निकल गया। यह रुपया का 20 महीने का निचला स्तर है। करंसी के जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में फेड के फैसले से रुपया और टूटेगा जो सरकार से लेकर आम आदमी के बजट को बिगड़ने का काम कर सकता है।
इंडिया इंफोलाइन सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करंसी) अनुज गुप्ता ने बताया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है। साथ में जॉब मार्केट में जोरदार तेजी है। यह अमेरिकी डॉलर को मजबूत करने का काम कर रहा है।
वहीं, फेड के ब्याज दरों में बढ़ोरी के ऐलान से विदेशी निवेशक अपना पैसा भारतीय बाजार से निकालेंगे जैसा रुझान नवंबर से लेकर अभी दिसंबर तक देखने को मिला है। ये रुपया पर दबाब बढ़ाने का काम करेंगे। ऐसे में रुपया जनवरी तक टूटकर 77 के पार जा सकता है। हालांकि, उसके बाद इसमें सुधार देखने को मिल सकता है। आरबीआई के पास विदेशी मुद्रा का अच्छा भंडार है। रुपया टूटने से आयात महंगा हो जाएगा जो चालू खाते के घटा को बढ़ाने का काम करेगा। इसे रोकने के लिए आरबीआई कदम उठा सकता है।
भारत समेत पूरी दुनिया पर होगा असर
फेड के ब्याज दरें बढ़ने का मतलब है कि निवेशक अपना निवेश शेयर बाजार या दूसरे जोखिम वाले विकल्पों से निकालकर सुरक्षित समझे जाने वाले विकल्प बैंकों में डालना शुरू कर सकते हैं। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और उसके निवेशक दुनियाभर के बाजारों में पैसा लगाते हैं। इसलिए वहां ब्याज दरें बढ़ी तो दुनियाभर में फैले अमेरिकी निवेशक अपना पैसा निकालकर अमेरिका में मिलने वाले नए विकल्पों में निवेश कर सकते हैं। इससे भारत समेत दुनिया भर के बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है।
आयात करना महंगा होगा
- कच्चे तेल आयात करना महंगा होगा जो पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाएंगे
- भारतीय नागरिकों को पहले के मुकाबले विदेश यात्रा पर ज्यादा खर्च करना होगा
- विदेश में बच्चों को पढ़ाना महंगा होगा, साथ ही वहां रहने का खर्च भी बढ़ेगा
- भारत में बड़े पैमाने पर सोने का आयात होता है, घरेलू बाजार में सोने के दाम बढ़ेंगे
रुपये की कमजोरी के फायदे
रुपये के कमजोर होने से सिर्फ नुकसान ही नहीं, बल्कि कुछ फायदे भी हैं। भारत से विदेशों को जाने वाले सामान के अच्छे पैसे भी मिलते हैं। यानी कमजोर रुपया देश से सामान या सेवाओं का निर्यात करने वालों के लिए फायदेमंद होता है। भारत से कल पुर्जे, चाय, कॉफी, चावल, मसाले, समुद्री उत्पाद, मीट जैसे उत्पादों का निर्यात होता है और रुपया कमजोर होने से इन सभी के निर्यातकों को फायदा होगा।
डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे मजबूत
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया गुरुवार को 23 पैसे की तेजी के साथ 76.09 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बांड खरीद कार्यक्रम को तेजी से समाप्त करने की घोषणा के बाद रुपये में तेजी आई है।