-एडवोकेट राजकुमार विजय
-अध्यक्ष, टैक्स बार एसोसिएशन कोटा
कोटा। आयकर विभाग के ई फाइलिंग पोर्टल पर रिटर्न भरना मुश्किल हो गया है। इनकम टैक्स के पुराने ई फाइलिंग पोर्टल को बदल कर 8 जून, 2021 को नया पोर्टल लॉन्च किया गया। परंतु तब से अब तक ई फाइलिंग पोर्टल सही ढंग से काम नहीं कर रहा है।
उसके बाद 1 नवंबर, 2021 से आयकर दाता के लॉगइन पेज पर “टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी” और “एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट” को प्रदर्शित कर दिया गया है। जिसके तहत करदाता के पेन नंबर पर 50 तरह के फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन को अपलोड कर दिया गया है। पहले सिर्फ 26AS के माध्यम से सूचनाएं करदाता को उपलब्ध कराई जाती थी, परंतु अब इतनी सारी इनफार्मेशन को करदाता को दिखाया जा रहा है। इसमें से भी कुछ सूचनाएं गलत और डुप्लीकेट हैं जो करदाता से संबंधित नहीं हैं । इन सब सूचनाओं को संकलित करते हुए आयकर रिटर्न भरना बहुत ही मुश्किल हो गया है.
अब तक सिर्फ 35 प्रतिशत रिटर्न भरे गए
नए इनकम टैक्स पोर्टल में स्पीड और कार्य क्षमता में कमी के चलते हुए कभी लॉगिन नहीं होता। ओटीपी प्राप्त नहीं होता, पासवर्ड नहीं बदलता, ऑडिट रिपोर्ट अपलोड नहीं हो पा रही है। पार्टनरशिप फर्म की रिटर्न नहीं भरी जा रही है। ट्रस्ट की रिटर्न भी पोर्टल स्वीकार नहीं कर रहा है। और भी कई सारी तकनीकी समस्याएं इनकम टैक्स ई फाइलिंग सर्वर और पोर्टल में चल रही है। परिणामस्वरूप अभी तक लगभग 30-35% रिटर्न मुश्किल से फाइल हुए हैं.
आयकर रिटर्न भरने के टिप्स
- आयकर दाता को अपनी सही रिटर्न भरने के लिए सही आय की गणना करना अति आवश्यक है, अन्यथा स्क्रूटनी का नोटिस मिलेगा और अगर कुछ त्रुटि हुई तो टेक्स्, ब्याज और पेनल्टी भरनी पड़ेगी।
- आयकर दाता अपने ई फाइलिंग पोर्टल पर AIS, TIS और 26AS को चेक करके सही आय की गणना करें।
- अपने सभी बैंक के अकाउंट में किए गए सभी लेन देन को जांच कर सही इनकम का आकलन करें।
- स्थाई संपत्ति खरीद या बिक्री का अपने रिटर्न मैं जरूर दिखाएं।
- नौकरी पेशा व्यक्ति वेतन के अलावा घर के किराए, ब्याज व अन्य आय को अपनी रिटर्न में जरूर शामिल करें.
- शेयर मार्केट और म्यूचल फंड में किए गए लेन देन को खासतौर से बिक्री को जरूर बताएं।
- अपने द्वारा किए गए धारा 80C के निवेश की डेढ़ लाख तक की छूट प्राप्त करें। और इसके अतिरिक्त दान या मेडिकल इंश्योरेंस की अलग से छूट प्राप्त करें।
- अगर आपका कहीं गलत टीडीएस कटा हुआ है तो सामने वाले व्यक्ति को नोटिस देकर सही करवाएं और उसके बाद रिटर्न दाखिल करें।
- रिटर्न भरने से पहले अपने बैंक अकाउंट को वैलिडेट करें ताकि रिफंड आपको सुगमता से मिल सके।
- अपने पेन और आधार को लिंक करते हुए रिटर्न फाइल करें जिससे त्वरित रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया होगी।
आयकर विभाग हुआ हाईटेक
माना कि समस्याएं बहुत ज्यादा है, परंतु अगर सारी सूचनाओं को संकलित करते हुए अपनी सही आय का आकलन करते हुए सही इनकम टैक्स रिटर्न भरा जाए। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर बेंगलुरु में आयकर दाता की रिटर्न को 24 घंटे में सत्यापन कर निर्धारण कर दिया जाता है और बकाया टैक्स की डिमांड कर ली जाती है या अधिक होने पर रिफंड जारी कर दिया जाता है। आयकर विभाग के पास जो भी सूचनाएं करदाता के सही टैक्स आकलन में सहायक हो वह सभी करदाता को जारी की जाती है। परंतु कुछ विशेष तरह की सूचनाएं करदाता को जारी नहीं की जाती है, जिसके लिए करदाता को स्वयं जागरूक रहकर अपनी आयकर रिटर्न भरनी चाहिए। अभी तक कई करदाता डाकघर में जमा राशि, बैंकों में जमा राशि और अन्य किसी निवेश से प्राप्त ब्याज आदि की इनकम को अपने रिटर्न में नहीं दिखाते थे। आने वाले समय में ऐसे करदाता को भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा।
ओटीपी द्वारा वैलिडेट करें
करदाता को इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद उसे ओटीपी द्वारा वैलिडेट करें। और अगर ऐसा नहीं हो तो स्वयं के हस्ताक्षर करके इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बेंगलुरु में साधारण या स्पीड पोस्ट से भेजें। इसकी समय सीमा 120 दिन है अगर ऐसा नहीं किया गया तो रिटर्न भरा हुआ नहीं माना जाएगा। अब इनकम टैक्स के सभी रिटर्न और कार्यवाही ऑनलाइन और फैसलेस ही होती है।