मांग अधिक होने से 25 फीसदी तक महंगे हुए ग्रीन पटाखे

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कोटा। ग्रीन पटाखाें की मांग अधिक होने के कारण इस बार इनके दाम 25 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इस बार पटाखे भी कम मिल रहे हैं। क्याेंकि ग्रीन पटाखे अभी तक पूरी तरह से बन नहीं पाए हैं। पटाखाें के हाेलसेल व्यापारी राकेश जैन का कहना है कि मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से काफी दिक्कतें हाेने वाली हैं।

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगाने से इनकार करते हुए कुछ शर्तों के साथ दिवाली पर आतिशबाज़ी की छूट दी है। पहली बार है कि काेटा में भी ग्रीन पटाखे ही बिकेंगे।

सिर्फ 2 घंटे चला सकेंगे
दिवाली पर सिर्फ 2 घंटे के लिए रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाए जा सकेंगे। एडीएम सिटी महेंद्र लाेढ़ा ने बताया कि शहर में ग्रीन पटाखे बेचने के लिए करीब 500 दुकानाें का लाइसेंस जारी किया गया है। ग्रीन पटाखे के अलावा अन्य पटाखे न ताे बेच सकते हैं और न ही चला सकते हैं।

क्या होते हैं ग्रीन पटाखे : इनसे प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण के लिए बेहतर होते हैं। ग्रीन पटाखों को खास तरह से तैयार किया जाता है और इनसे 30 से 40 फीसदी तक प्रदूषण कम होता है। ग्रीन पटाखों में वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले हानिकारक रसायन नहीं होते हैं। इनमें एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट व कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता है अथवा इनकी मात्रा काफी कम होती है। इन पटाखों से पानी के कण निकलते हैं, जिसमें सल्फर और नाइट्रोजन के कण घुल जाते हैं। पानी प्रदूषण को कम करता है।