धोखाधड़ी से होटल फोर्ट रजवाड़ा हड़पने पर SBI के पूर्व चेयरमैन गिरफ्तार

0
540

जैसलमेर। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी को जैसलमेर पुलिस ने रविवार को दिल्ली स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने जैसलमेर की होटल फोर्ट रजवाड़ा को हथियाने के लिए गलत तरीके से धोखाधड़ी कर बेच दिया। बाद में जिस कंपनी ने होटल को खरीदा उसी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का हिस्सा बन गए। पुलिस प्रतीप चौधरी को दिल्ली से लेकर जैसलमेर के लिए रवाना हो गई है।

आरोप है कि प्रतीप चौधरी ने बिचौलियों के मार्फत जैसलमेर के सितारा होटल रजवाड़ा को हड़पने के लिए प्लान बनाया। लोन का सेटलमेंट करने के लिए बिचौलियों के मार्फत बातचीत की और धोखे में रखकर करीब 200 करोड़ की होटल को सीज करके अपनी परिचित कंपनी को नियम विरुद्ध केवल 25 करोड़ में बिकवा दिया।

फिर खुद रिटायर होकर उसी कंपनी के बोर्ड में डायरेक्टर बन गए। इतनी बड़ी धोखाधड़ी पर जैसलमेर के सदर थाना में साल 2015 में मामला दर्ज हुआ। सीजेएम कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने SBI के तत्कालीन चेयरमैन के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। रविवार को कोर्ट के आदेश पर जैसलमेर पुलिस ने प्रतीप चौधरी को दिल्ली स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया।

जैसलमेर के सबसे पुराने होटल फोर्ट रजवाड़ा के मालिक दिलीप सिंह राठौड़ ने साल 2008 में खुहडी रोड पर एक और होटल गढ़ रजवाड़ा के नाम से बनाने का प्लान किया। उसके लिए SBI जोधपुर से साल 2008 मे 24 करोड़ का टर्म लोन लिया। होटल का निर्माण शुरू किया। 2010 में उन्होंने 6 करोड़ का लोन और मांगा, लेकिन एसबीआई ने उनको लोन नहीं दिया।

इस दौरान 2010 में होटल मालिक दिलीप सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मौत के 2 महीने बाद ही एसबीआई ने आरबीआई के नियमों से परे जाकर एनपीए ( नॉन परफॉर्मिंग एसेट ) कर दिया। एसबीआई ने इनकी दोनों होटल का वैल्युएशन कराया। लोन का पैसा भरने के लिए दिलीप सिंह के पुत्र हरेन्द्र सिंह राठौड़ पर दबाव बनाया।

24 करोड़ के होटल लोन की कुछ किस्त बकाया होने पर एसबीआई ने आरबीआई नियमों के विरुद्ध जाकर होटल का अकाउंट एनपीए कर दिया था। मालिक के दूसरे होटल को सील करने का दबाव बनाया गया। उस दौरान अहमदाबाद की एक सीए फर्म आतिश्य कंसल्टेंसी के मालिक देवेंद्र जैन ने होटल मालिक के बेटे को लोन सेटेलमेंट के लिए एप्रोच किया। उस दौरान एसबीआई के चेयरमैन प्रतीप चौधरी थे।

होटल मालिक ने आलोक धीर की बात नहीं बनी। एसबीआई ने 14 अक्टूबर 2013 को होटल मालिक को करीब 40 करोड़ की देनदारी बताते हुए नोटिस जारी किया। होटल मालिक डीआरटी कोर्ट जयपुर गए। उस दौरान एसबीआई ने रिकवरी के लिए दोनों होटल का एसेट आलोक धीर को दे दिया। एसबीआई ने बिना नीलामी किए अंदर ही अंदर आलोक धीर को दोनों होटल सौंप दिए। धीर ने दोनों होटल पर कब्जा कर लिया।

प्रतीप चौधरी रिटायरमेंट के एक महीने के अंदर ही बिचौलिये आलोक धीर की रिकवरी कंपनी के डायरेक्टर बन गए। होटल मालिक को प्रतीप चौधरी के खेल की जानकारी हो गई।उन्होंने जैसलमेर सदर थाने में 2015 में धोखाधड़ी की एफ़आईआर दर्ज करवाकर इस मामले में एसएबीआई के तत्कालीन चेयरमैन समेत कुल 8 लोगों पर मामला दर्ज करवाया।