पटवारी भर्ती परीक्षा में पहले दिन 15 लोगों को पेपर बेचते पकड़ा

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जयपुर। राजस्थान में एसआई, रीट के बाद पटवारी भर्ती परीक्षा में भी शनिवार को नकल गिरोह सक्रिय रहा। बीकानेर, डूंगरपुर, बारां, भरतपुर, जोधपुर, जयपुर में डमी कैंडिडेट बनकर व ब्लूटूथ से नकल कराते हुए पकड़े गए हैं। शनिवार को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हुई कार्रवाई में 15 लोगों को पेपर बेचते हुए पकड़ा गया।

इनमें 5 जोधपुर से थे और 10 भरतपुर के। इसके अलावा परीक्षा में डमी कैंडिडेट भी पकड़ में आए हैं। इनमें 8 फर्जी कैंडिडेट को पकड़ उनसे पूछताछ की जा रही है। रीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड भजनलाल अभी भी फरार है। बीकानेर में डिवाइस लगी चप्पल से नकल कराने वाला तुलसाराम भी फरार है। साथ ही नकल गिरोह से जुड़े कई लोग पकड़े नहीं जा सके हैं। ऐसे में पटवारी परीक्षा को नकल गिरोह से बचाना बड़ी चुनौती है।

जोधपुर पुलिस ने 5 लोगों को पेपर बेचते हुए गिरफ्तार किया है। इन्होंने कई युवकों को पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर बेच दिया। हालांकि, जांच में पता लगा कि जो पेपर बेचा गया है, वह डमी पेपर है। जिन युवकों को पेपर बेचा गया, उन्हें भी पता नही था कि ये असली पेपर है या फिर नकली पेपर है। पुलिस पांचों युवकों से पूछताछ कर रही है।

भरतपुर पुलिस ने भरतपुर में पटवारी भर्ती के पेपर के साथ 10 युवकों को पकड़ा है। इनका अलवर में सेंटर आया हुआ था। फोन लोकेशन के आधार पर इन्हें नगर से पकड़ा है। ये एक दिन पहले भरतपुर से आगरा गए थे। फिर वापस लौट आए। इनसे पेपर सामग्री मिली है। पुलिस असली पेपर से मिलान कर रही है। जयपुर आदर्श नगर में सेंटर से जयपुर पुलिस ने एक युवक को ब्लूटूथ से नकल करते हुए पकड़ा है। वह सेंटर में ब्लूटूथ लेकर अंदर चला गया था। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

बारां पुलिस ने दूसरे की जगह पर परीक्षा देते हुए दो डमी कैंडिडेट को पकड़ा है। उसके 4 साथियों को भी पकड़ा गया है। दौसा निवासी चेतन मीणा का सेंटर अपेक्स स्कूल में आया था। उसकी जगह पर पटना निवासी रोशन कुमार पेपर देने पहुंचा। उसकी फोटो मैच नहीं हुई तो रोशन को पूछताछ में पकड़ लिया। इसके अलावा दौसा निवासी दिलराज की जगह पर जोधपुर के कान्हासर निवसाी रोहिताश को पेपर देते हुए पकड़ा है। बिहार के तीन साथियों को हिरासत में लिया है।

बोरी में गुरूकुल कॉलेज परीक्षा केंद्र पर परीक्षा शुरू होने के अंतिम समय में पाली निवासी अशोक कुमार पहुंचा। उसके प्रवेश पत्र व आईडी कार्ड मांगे गए। दस्तावेजों में काफी चेंज दिखने पर पूछताछ की गई। उसने पुराना फोटो होने की बात कही। उसे अंदर परीक्षा देने भेज दिया। उसकी भाषा पर संदेह होने पर नजर रखी। बाद में पुलिस को सूचना देकर बुलाया। जैसे ही वह बाहर आया तो उसे पकड़ लिया। उसने बताया कि वह भरत सिंह निवासी बांसवाड़ा की जगह पर डमी कैंडिडेट बनकर आया था। डेढ़ लाख रुपए में पेपर की डील हुई थी।