मुंबई। शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को सोमवार को भी बेल मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इसकी कई कानूनी तकनीकी वजह हैं। जिसके चलते अगले एक, दो या तीन दिन भी आर्यन को ऑर्थर रोड जेल में ही बिताने पड़ सकते हैं। सोमवार को आर्यन की बेल एप्लीकेशन पर सुनवाई के लिए सेशन कोर्ट में यह केस बोर्ड पर कितने बजे आएगा कुछ कहा नहीं जा सकता है।
अगर केस बोर्ड पर देर से आया और बहस लंबी चली तो अगले दिन के लिए सुनवाई टल सकती है। मान लिजिए कि केस बोर्ड पर समय पर आ भी गया तो सेशन कोर्ट NCB से ‘से सम्मिट’ करने के लिए कहेगा। जिसके लिए NCB ने पूरी तैयारी कर रखी है। NCB ‘से सम्मिट’ के लिए एक, दो या तीन दिन का समय मांग सकती है। ऐसी सूरत में आर्यन को ऑर्थर रोड जेल में ही रहना होगा।
दूसरी तकनीकी वजह यह है कि NCB ने जिस अचित नाम के पैडलर को गिरफ्तार किया है और जिसे न्यायिक हिरासत में भेजा है। NCB कोर्ट की परमिशन से जेल में अचित और आर्यन दोनों से एक साथ पूछताछ करने की परमिशन मांगेगी। इसके लिए NCB नहीं चाहेगी कि आर्यन को बेल मिले। आर्यन को अगर बेल मिल जाती है, तो दोनों से एक साथ पूछताछ संभव नहीं होगी।
NCB से आर्यन खान की बेल नहीं होने देगी
तीसरा अगर शाहरुख खान के ड्राइवर राजेश मिश्रा से कोई पुख्ता जानकारी हाथ लगती है तो भी NCB अपनी दलीलों से आर्यन खान की बेल नहीं होने देगी। एक और बात भी कही जा रही है कि एनसीपी नेता नवाब मलिक ने मामले में कूद कर NCB की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसलिए अब NCB की भी नाक का सवाल बन गया है कि वह अपनी दलीलों पर खरी उतरे। अगर सतीश मानशिंदे मुंबई हाई कोर्ट भी मूव करना चाहेंगे तो भी उन्हें सेशन कोर्ट की प्रक्रिया से गुजरना ही होगा।
आर्यन पर लगी धाराएं नॉन बेलेबल हैं: वकील चंगेज खान
दीवान लॉ फर्म के वकील चंगेज खान के अनुसार, हालांकि आर्यन पर लगी धाराएं नॉन बेलेबल हैं। क्योंकि मामला NDPS स्पेशल एक्ट का है, जो कॉग्नीजेबल नॉन बेलेबल है। इस केस में चाहे ड्रग्स की कमर्शियल क्वाटिंटी न भी मिले तब भी बेल खारिज हो सकती है। जैसे रिया चक्रवर्ती के केस में हुआ। खान का कहना है कि वैसे तो बेल सेम डे हो जाती है। लेकिन, जब बेल के लिए सेशन कोर्ट में एप्लाई किया जाता है तो कोर्ट जांच एजेंसी से रिपोर्ट मांगती है। जांच एजेंसी का ड्यूटी बॉन्ड है कि वह कोर्ट को रिपोर्ट दे और इसके लिए NCB समय मांग सकती है। हालांकि, NCB रिपोर्ट को ज्यादा दिन तक नहीं टाल सकती है। जब तक NCB कोर्ट में वह रिपोर्ट फाइल नहीं कर देती तब तक आरोपी को बेल नहीं मिल सकती है।