नई दिल्ली। शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह महंगाई दर के आंकड़ों तथा विदेशी बाजारों से मिलने वाले संकेतों से तय होगी। विश्लेषकों के मुताबिक बाजार की कुल धारणा सकारात्मक है और इसे बेहतर आर्थिक आंकड़ों तथा कंपनियों के तिमाही नतीजों से समर्थन मिला है। हालांकि, ऊंचे मूल्यांकन के बीच बाजार में कुछ मुनाफावसूली भी देखने को मिल सकती है। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 175.12 अंक या 0.30 प्रतिशत के लाभ में रहा। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, वैश्विक संकेतक हमारे बाजार के व्यवहार को प्रभावित करते रहेंगे। इस सप्ताह चीन के औद्योगिक उत्पादन तथा अमेरिका की मुद्रास्फीति जैसे कुछ वृहद आर्थिक आंकड़े आने हैं।
घरेलू मोर्चे पर 14 सितंबर को अगस्त माह की थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े आने हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं। इसके चलते आर्थिक सुस्ती की आशंका बन रही है। ऐसे में निवेशकों की निगाह वैश्विक संकेतकों पर रहेगी। चूंकि मूल्यांकन भी संतोषजनक स्तर को पार कर चुका है, ऐसे में बाजार में उतार-चढ़ाव तथा मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है। बाजार को डालर के मुकाबले रुपये की चाल, कच्चे तेल के दाम तथा विदेशी निवेशकों के रुख से भी दिशा मिलेगी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, इस सप्ताह बाजार की दृष्टि से मुद्रास्फीति का आंकड़ा महत्वपूर्ण होगा। सैमको सिक्योरिटीज के एक नोट में कहा गया है कि बाजार में जोरदार तेजी है। ऐसे में इस सप्ताह बाजार कुछ थम सकता है। नायर ने कहा कि भारतीय बाजार 30 अगस्त से तीन सितंबर के सप्ताह के दौरान दर्ज तेजी के सिलसिले को कायम नहीं रख सके। रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी ने कहा कि रिकॉर्ड उच्चस्तर के बाद घरेलू बाजारों में कुछ सुस्ती देखने को मिल रही है।