औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये जल्द शुरू होगी योजना: पीएम मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के विकास में आधुनिक बुनियादी ढांचा पर जोर दिया और कहा कि जल्दी ही प्रधानमंत्री गतिशक्ति- योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनायें रोजगार के अवसर पैदा करेंगी।

प्रधानमंत्री गतिशक्ति- नेशनल मास्टर प्लान औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और यातयात की व्यवस्था को दुरूस्त करने वाली होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मिनर्भर बनायेंगे। 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ”भारत को आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ ढांचागत क्षेत्र के लिये एक समग्र रुख की जरूरत है। इस दिशा में जल्दी ही गतिशक्ति- राष्ट्रीय मास्टर प्लान योजना शुरू की जाएगी।”

विकास को नई गति देने का संकेत देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अब हमें पूर्णता की तरफ जाना है। उन्होंने कहा, ”100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनायें लाखों नौजवानों के लिये रोजगार के अवसर लायेगी।” उन्होंने कहा, ”हमें ऐसे विकास की ओर जाना है जहां शत प्रतिशत गांवों में सड़कें हों, शत प्रतिशत परिवारों के पास बैंक खाते हों, शत प्रतिशत लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत का कार्ड हो, शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों के पास उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन हो।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत गरीबों को पोषणयुक्त चावल देगी। मोदी ने कहा, ”राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मध्याह्न भोजन योजना में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई (पोषण युक्त) कर दिया जाएगा।

उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा, ”बहुत जल्द पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेलसेवा से जोड़ने का काम पूरा होने वाला है। मोदी ने कहा, ”अब गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, इंटरनेट पहुंच रहा है। गांव में भी डिजिटल उद्यमी तैयार हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गांव में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 8 करोड़ से अधिक बहनें हैं, वो एक से बढ़कर एक उत्पाद बनाती हैं। मोदी ने कहा, ”इन उत्पादों को देश में और विदेश में बड़ा बाजार मिले, इसके लिए अब सरकार ई-वाणिज्य मंच तैयार करेगी।

किसानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ” छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी। उन्होंने कहा, ”देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। पहले जो देश में नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वह नहीं हो पाया।” मोदी ने कहा, ”अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विनिर्माण, नई प्रौद्योगिकी के लिये मिलकर काम करने की जरूरत है।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए भारत का ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र होना अनिवार्य है।”