नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र हंगामाखेज साबित हो रहा है। लोकसभा में गुरुवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष में वाकयुद्ध छिड़ गया। सदन शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से सदन का कामकाज चलने देने की अपील की, लेकिन इसका असर अगले 5 मिनट भी न दिखा। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के बीच शब्द युद्ध छिड़ गया और फिर हंगामा होने पर सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई।
लगातार माननीय सदस्य घटनाओं को दोहरा रहे हैं। लगातार ऐसी घटनाएं, जो संसदीय परंपरा के अनुरूप नहीं है, कृपया उन्हें न दोहराएं। ऐसे सदस्यों के खिलाफ मुझे सख्त कार्यवाही करनी पड़ेगी, जिससे संसद की मर्यादा को बनाए रखा जा सके।
लोकसभा अध्यक्ष की सांसदों को इस नसीहत के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन बोलने के लिए उठे। उन्होंने कहा कि सरकार की जिद की वजह से हम सदन में अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि वह एक छोटी सी कानूनी बात कहना चाहते हैं। तभी इस पर हंगामा शुरू हो गया। सत्ता पक्ष की तरफ से प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को विपक्षी सांसदों के कागज फेंकने की घटनाओं का जिक्र कर उन्हें घेरना शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच शब्द युद्ध छिड़ गया।
‘पेपर का बंडल फेंकते हैं.. सही है?‘
जोशी ने चौधरी को टोकते हुए कहा, ‘कल की घटना के बारे में वह क्या कहना चाहते हैं। इतना-इतना बड़ा बंडल… पेपर का बड़ा बंडल चेयर के ऊपर फेंकते हैं। इधर हमारे ऊपर फेंका है। मीडिया के ऊपर फेंका। क्या यह सही है या गलत है? यह तरीका है क्या। माफी भी नहीं मांगने चाहते हैं क्या? आपने इतने साल तक राज किया है।’ इसके बाद दोनों तरफ से फिर से हो-हल्ला शुरू हो गया। लोकसभा अध्यक्ष ने इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
डर नहीं तो चर्चा क्यों नहीं करते? : चौधरी
भाजपा खुद लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है। अगर ऐसा नहीं है तो पेगासस मुद्दे पर चर्चा करने में उनको किस बात का डर है। विपक्ष ने बार-बार गुहार लगाई है कि इसपर पहले चर्चा की जाए।
विपक्ष चर्चा चाहता ही नहीं : केंद्रीय मंत्री
राज्यसभा में हमारे मंत्री का सुओ मोटो स्टेटमेंट था, राज्यसभा में स्टेटमेंट देने के बाद चर्चा होती है। उन्होंने मंत्री जी का वो पेपर क्यों फाड़ा? इसका मतलब वे चर्चा चाहते ही नहीं।