जानिए, कोरोना की तीसरी लहर का खतरा टालने के लिए लोकसभा अध्यक्ष का प्लान

0
527

नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तीसरी लहर का खतरा टालने के लिए गैरसरकारी संगठनों से समाज में उपयुक्त कोविड व्यवहार को लेकर जागरूकता फैलाने की अपील की। लोकसभा अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि सिविल सोसायटियां सरकार और लोगों के बीच सेतु के रूप में काम करती हैं।

बिरला ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड-19 महामारी के कारण जिनसे रोजगार छिन गया है उनके लिए ये संगठन रोजगार सृजन करें। दक्षिण दिल्ली में आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘महामारी अभी तक खत्म नहीं हुई है और कोरोना वायरस की तीसरी लहर टालने के लिए उपयुक्त कोविड-19 व्यवहार के बारे समाज में जागरूकता फैलाना हमारी जवाबदेही है।

छोटे कस्बों और शहरों में पर्याप्त बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं विकसित कर हमें भावी चुनौती के लिए खुद को तैयार करना होगा। ‘उन्होंने कहा कि देश के पिछड़े क्षेत्रों में जहां सरकार भी नहीं पहुंच सकी है, वहां स्वास्थ्य ढांचा तैयार करने का प्रयास होना चाहिए। रोटरी जैसी सिविल सोसायटियां पिछड़े क्षेत्रों में चिकित्सा ढांचा तैयार करें ताकि सुविधा विहीन लोग भावी महामारी से सुरक्षित हो सकें।

बता दें कि देश के जाने-माने संक्रामक रोग विशेषज्ञ का कहना है कि देश में अगस्त के अंत तक तीसरी दस्तक दे सकती है। उन्होंने प्रतिबंधों के पालन पर भी जोर दिया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) में महामारी विज्ञान एवं संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख डा. समीरन पांडा ने आगाह करते हुए यह भी कहा कि पहले की दोनों लहरों में जिन राज्यों में ज्यादा दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला है, वहां तीसरे लहर में गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।

उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के लिए यह जरूरी है कि वो अपने यहां महामारी पर नजर रखें और कोरोना के हालात के मुताबिक कदम उठाएं। कुछ ऐसे राज्य हैं जहां पहली और दूसरी लहर में ज्यादा बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है। परंतु, अगर प्रतिबंधों को बनाए नहीं रखा गया तो इन राज्यों में गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।