थोरेकॉस्कॉपिक तकनीक से आहार नली के कैंसर का किया जटिल ऑपरेशन

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आहार नली निकाली, पेट से बनाई खाने की ट्यूब

कोटा। चिकित्सा के क्षेत्र में भी कोटा अब नित नए आयाम स्थापित करता जा रहा है। अत्याधुनिक तकनीक के साथ अनुभवी चिकित्सकों द्वारा सफल ऑपरेशन किए जा रहे हैं। कोटा के तलवंडी स्थित निजी हॉस्पिटल में थोरेकॉस्कॉपिक तकनीक से एक मरीज की आहार नली के कैंसर की गांठ का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया है।

कैंसर सर्जन डॉ. कौशल गौतम ने बताया कि छीपाबडौद निवासी मरीज ओम प्रकाश (62) को करीब चार माह से खाना निगलने में दिक्कत आ रही थी। मरीज की जांच से पता चला कि आहार नली (इसोफेगस) में कैंसर की गांठ है।

डॉ. गौतम ने बताया कि ऐसे में मरीजों के परिजनों की स्वीकृति पर ऑपरेशन का प्लान किया गया। मिनिमम इंवेसिव टेक्निक से की गई सर्जरी में दूरबीन से आहार नली को निकाला गया और आमाशय की ट्यूब बनाकर गले में जोड़ा गया। दूरबीन से ऑपरेशन करने से छोटा छेद करना पड़ा, जबकि ओपन सर्जरी में पूरी जगह को खोलना पड़ता है और कई टांके लगाने पड़ते।

ऐसी सर्जरी में आहार नली को निकालने के दौरान आसपास खून की नसों, हार्ट, सांस नली व फेफड़ों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा रहता है। लेकिन कुशल नेतृत्व के साथ अनुभवी टीम द्वारा इस ऑपरेशन को सफलता से किया गया। डॉ. कौशल ने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीज को परेशानी नहीं आती और वह सामान्य लोगों की तरह भोजन कर पाते हैं।

अब कम खर्च में कोटा में इलाज उपलब्ध
डॉ. कौशल पिछले चार वर्ष से कोटा में इस तरह के जटिल आॅपरेशन कर रहे हैं। ऐसे ऑपरेशन के लिए पहले मरीज को प्रदेश के बाहर दूसरे राज्यों व बड़े शहरों में जाना पड़ता था, जिसका खर्च भी यहां की तुलना में कहीं अधिक आता था। डॉ. कौशल ने बताया कि जो उपचार बडे शहरों में हो रहा है, वह कोटा में भी उपलब्ध है। मरीजों को अब कैंसर सर्जरी के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है, उसकी सभी समस्याओं का निदान यहां किया जा रहा है।