वो दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी इंडिया इज़ मदर ऑफ डेमोक्रेसी: पीएम मोदी

0
577

नई दिल्ली। देश के इतिहास में गुरुवार का दिन काफी अहम रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की नींव रखी, जिसमें आधुनिक सुख सुविधाएं होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और मील का पत्थर साबित होगा।

देश में अब भारतीयता के विचारों के साथ नई संसद बनने जा रही है, हम देशवासी मिलकर संसद के नए भवन को बनाएंगे। जब भारत अपनी आजादी के 75वें साल का जश्न मनाएगा, तब संसद की इमारत उसकी प्रेरणा होगी। पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम अपने लोकतंत्र का गुणगान करेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी ‘इंडिया इज़ मदर ऑफ डेमोक्रेसी’।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था। तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर, लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था।

अंदर से ऐसा होगा नया संसद भवन

पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें।

  • हमें संकल्प लेना है…ये संकल्प हो India First का। हम सिर्फ और सिर्फ भारत की उन्नति, भारत के विकास को ही अपनी आराधना बना लें। हमारा हर फैसला देश की ताकत बढ़ाए। हमारा हर निर्णय, हर फैसला, एक ही तराजू में तौला जाए। और वो है- देश का हित सर्वोपरि।
  • हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देश के संविधान की मान-मर्यादा और उसकी अपेक्षाओं की पूर्ति, जीवन का सबसे बड़ा ध्येय होगी।
  • हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारे देश ने उन आशंकाओं को न सिर्फ गलत साबित किया, बल्कि 21वीं सदी की दुनिया भारत को अहम लोकतांत्रिक ताकत के रूप में आगे बढ़ते देख रही है।
  • आजादी के समय किस तरह से एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत के अस्तित्व पर संदेह जताया गया था। अशिक्षा, गरीबी, सामाजिक विविधता सहित कई तर्कों के साथ ये भविष्यवाणी कर दी गई थी कि भारत में लोकतंत्र असफल हो जाएगा।
  • भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है। भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है। भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है।
  • जैसे आज इंडिया गेट से आगे नेशनल वॉर मेमोरियल ने नई पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा। आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि ये स्वतंत्र भारत में बना है। आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है।
  • पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।
  • वर्षों से नए संसद भवन की जरूरत महसूस की गई है। ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि 21वीं सदी के भारत को एक नया संसद भवन मिले। इसी कड़ी में ये शुभारंभ हो रहा है।
  • पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को घड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। आजाद भारत की पहली सरकार का गठन भी यहीं हुआ और पहली संसद भी यहीं बैठी।
  • संसद के शक्तिशाली इतिहास के साथ ही यर्थाथ को स्वीकारना उतना ही आवश्यक है। ये इमारत अब करीब 100 साल की हो रही है। बीते वर्षों में इसे जरूरत के हिसाब से अपग्रेड किया गया। कई नए सुधारों के बाद संसद का ये भवन अब विश्राम मांग रहा है।