मुंबई। TRP केस में हंसा ग्रुप को रिपब्लिक का नाम लेने के लिए मुंबई पुलिस लगातार झूठे मामलों में फंसाने की धमकियां दे रही है। इसे लेकर हंसा ग्रुप ने मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। वहीं आत्महत्या के दो साल पुराने केस में रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। हालांकि, अर्नब ने अपनी गिरफ्तारी को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है और अंतरिम जमानत की याचिका भी दायर की है, जिस पर आज सुनवाई है। इसके अलावा, अर्नब तीन अन्य मामले में भी कोर्ट का चक्कर काट रहे हैं।
इसके अलावा, आज सुप्रीम कोर्ट में अर्नब की याचिका पर भी सुनवाई है। उद्धव ठाकरे को इंटरव्यू के लिए चुनौती देने वाले टीवी पत्रकार और रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन- चीफ अर्नब गोस्वामी खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव शुरू किया गया था। इस कार्रवाई के खिलाफ अर्नब सुप्रीम कोर्ट गए थे, जहां शीर्ष अदालत ने 30 सितंबर तक गोस्वामी की याचिका पर महाराष्ट्र विधानसभा सचिव से जवाब मांगा था। गोस्वामी के वकील ने पहले पीठ को बताया था कि पत्रकार ने विधानसभा या विधानसभा में से किसी भी समिति की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं किया है।
हंसा रिसर्च ग्रुप का मुंबई पुलिस पर धमकाने का आरोप
इसके अलावा, टीआरपी केस में बॉम्बे हाईकोर्ट में भी आज सुनवाई है। दरअसल, हंसा रिसर्च ग्रुप ने बॉम्बेहाई कोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर की है जिसमें सहायक पुलिस इंस्पेक्टर एंकाउंटर स्पेशलिष्ट सचिन वजे और उनकी क्राइम ब्रांच, मुंबई पुलिस की टीम द्वारा रिपब्लिक टीवी के खिलाफ गलत बयान देने के लिए दबाव और धमकी देने का आरोप लगाया गया है। इस याचिका में टीआरपी घोटाला मामले में दर्ज एफआईआर के संबंध में सीबीआई या राज्य सीआईडी से जांच कराने की मांग की गई है। मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि ब्रॉडकास्टिंग ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने शिकायत की थी कि कुछ टीवी चैनल दर्शकों को पैसा देकर टीआरपी से छेड़छाड़ कर रहे हैं, जिसके बाद उसने टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़ किया है।
विशेषाधिकार नोटिस के खिलाफ याचिका पर सुनवाई
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट में रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्णब गोस्वामी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा में जारी विशेषाधिकार नोटिस के उल्लंघन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई है। पिछली सुनवाई में इस मामले को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया था। मुख्य न्यायधीश एसए बोबडे के नेतृत्व में पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा “हमें मामले में कानून का पालन करना होगा”।
अर्नब की अंतरिम जमानत पर सुनवाई
वहीं, आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने केस में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा। अर्नब पर 2018 में एक अन्वय नाइक और उनकी मां को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है। अर्नब गोस्वामी को आर्किटेक्ट एवं इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मुम्बई के लोअर परेल स्थित उनके घर से बुधवार को गिरफ्तार किया गया था और पड़ोसी रायगढ़ जिले के अलीबाग थाने ले जाया गया था। इसके बाद उन्हें अलीबाग की एक अदालत में पेश किया गया था, जिसने उन्हें 18 नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
अर्नब गोस्वामी ने अपनी गिरफ्तारी को ‘गैरकानूनी’ बताते हुए बंबई उच्च न्यायालय में इसके खिलाफ एक याचिका दायर की। उन्होंने जांच पर रोक लगाने, पुलिस को उन्हें रिहा करने और उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का निर्देश देने अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एम.एस. कार्णिक की एक खंडपीठ ने गोस्वामी को इस मामले की शिकायतकर्ता अन्वय नाइक की विधवा अक्षता नाइक को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया।