नए 26AS फॉर्म में होगा ऊंचे मूल्य के वित्तीय लेनदेन का ब्योरा : CBDT

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नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने कहा है कि नए फॉर्म 26एएस में इस वित्त वर्ष में करदाताओं के ऊंचे मूल्य के लेनदेन का अतिरिक्त ब्योरा होगा। यह फॉर्म स्वैच्छिंग अनुपालन तथा आयकर रिटर्न को इलेक्ट्रॉनिक रूप में जमा कराने में सुगमता लाएगा। फॉर्म 26एएस वार्षिक एकीकृत कर लेखाजोखा है। आयकर दाता अपने स्थायी खाता संख्या (पैन) के जरिये आयकर विभाग की वेबसाइट के जरिये इसपर पहुंच सकते हैं।

इससे पहले के फॉर्म 26एएस में किसी एक पैन का स्रोत पर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह के अलावा कुछ अतिरिक्त सूचनाएं मसलन अन्य करों का भुगतान, रिफंड और टीडीएस चूक का ब्योरा होता था। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शनिवार को बयान में कहा कि अब नए फॉर्म में विभिन्न श्रेणियों में वित्तीय लेनदेन का विवरण होगा। इससे आयकरदाताओं को आयकर रिटर्न दाखिल करते समय अपने सभी प्रमुख वित्तीय लेनदेन की जानकारी रहेगी।

सीबीडीटी ने मई में संशोधित फॉर्म 26एएस अधिसूचित किया था। इसमें स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह का ब्योरा था। अब इसमें संपत्ति और शेयरोंके लेनदेन का ब्योरा भी शामिल होगा।

सीबीडीटी ने कहा कि विभाग को वित्त वर्ष 2015-16 से बचत खातों से नकद जमा-निकासी, अचल संपत्तियों की खरीद-फरोख्त, क्रेडिट कार्ड भुगतान, शेरों की खरीद, डिबेंचर, विदेशी मुद्रा, म्यूचुअल फंड, वस्तुओं और सेवाओं के लिए नकद भुगतान आदि की जानकारी बैंकों, फ्यूचुअल फंड कंपनियों, बांड जारी करने वाले संस्थानों और पंजीयकों से मिली रही है।

विभाग ने कहा कि अब ये सभी सूचनाएं नए फॉर्म 26एएस में उपलब्ध होंगी। सीबीडीटी ने कहा कि विशेष वित्तीय लेनदेन के लेखे-जोखे (एसएफटी) से संबंधित ये सूचनाएं अब फॉर्म 26एएस के भाग ई में दिखाई देंगी। इससे स्वैच्छिक अनुपालन, कर जवाबदेही और ई-रिटर्न दाखिल करने में सुगमता सुनिश्चित हो सकेगी।