राजस्थान से बाबा रामदेव को दूसरा झटका, जयपुर में दर्ज धोखाधड़ी का मुकदमा

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जयपुर। कोरोना की कथित दवा बनाने वाले बाबा रामदेव और उनकी टीम को राजस्थान से दूसरा झटका लगा है। बाबा समेत पांच के खिलाफ ज्योति नगर पुलिस थाने में सीधे एफआईआर दर्ज की गई है। इसकी जांच ज्योति नगर थाने के एसआई श्रीचंद्र कर रहे हैं। एसआई श्रीचंद्र ने बताया कि एडवोकेट बलराम जाखड़ की शिकायत पर धोखाधड़ी करने और 4/7 ड्रग्स एवं मैजिक रेमेडिज एक्ट 1954 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

ज्योति नगर थाने में मामला दर्ज करान वाले एडवोकेट जाखड ने बताया कि पूरे मामले में ही फर्जीवाड़ा है। ट्रायल कम से कम छह सप्ताह का होना होता है, जैसा कि बताया गया है। लेकिन इन लोगों ने तो बीस दिन में ही ट्रायल पूरा कर दिया। दवा आने की बात जानकर जब स्टोर पर पहुंचे तो मामला खुलकर सामने आने लगा। 25 जून को ही इसकी जानकारी मिली थी। जब पता चला कि देश की जनता से छल किया जा रहा है तो पुलिस थाने पहुंचे।
दवा के बारे में जो तथ्य बताए गए थे वे भी गलत साबित होते गए।

निम्स यूनिवर्सिटी प्रबंधन और बाबा के बयानों में ही विरोधाभास नजर आ रहा है। यह दवा इम्यूनिटी बढ़ा सकती है, लेकिन इससे मरीज सहीं हो रहे हैं। ऐसा कोई प्रमाण नहीं दिखता और इन लोगों ने बड़े स्तर पर इसे बाजार में लाने की तैयारी भी कर ली। जाखड़ ने बताया कि बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्णन, अनुराम वार्णेय, डॉक्टर बीएस तोमर और डॉक्टर अनुराम तोमर के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

उधर गांधी नगर पुलिस थाने में डॉक्टर संजीव गुप्ता ने इस मामले को लेकर इससे मिलते-जुलते तथ्यों के आधार पर शिकातय दी है। तीन दिन पहले दी गई शिकायत में डॉक्टर गुप्ता ने अपने बयान भी दर्ज करा दिए हैं लेकिन गांधी नगर थाना पुलिस ने परिवार को जांच में रखा है। परिवार के रुप में ही जांच की जा रही है तीन दिन में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।