नई दिल्ली। संतरे के शहर नागपुर को ऑरेंज क्लस्टर बनाया जाएगा। इसके तहत संतरे का निर्यात बढ़ाने के लिए नागपुर में जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा। इसके लिए एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपेडा) नोडल एजेंसी होगी। वर्ष 2018 में 1,018.3 करोड़ डॉलर के संतरे का अंतरराष्ट्रीय व्यापार हुआ। भारत में 2018-19 में 8,781 हजार टन संतरे का उत्पादन हुआ था, जिसमें मंडारिन व क्लेमेंटाइन किस्म भी शामिल हैं।
कृषि निर्यात नीति (एईपी) के तहत नागपुर का विकास ऑरेंज क्लस्टर के रूप में करने का फैसला किया गया है। एईपी के तहत निर्यात बढ़ाने के लिए बाजार की पहचान करना है। नागपुर से मुख्यत: मध्य पूर्व के देशों को संतरे का निर्यात होगा। एईपी के तहत नागपुर और आसपास के इलाके के संतरे की विशेष ब्रांडिंग भी होगी।
नागपुर से दुबई भेजी गई पहली खेप
नागपुर से दुबई को संतरे की पहली खेप 13 फरवरी 2020 को भेजी गई। यह खेप नवी मुंबई के वाशी से भेजी गई। वेनगार्ड हेल्थ केयर परिसर से रेफ्रिजरेटेड कंटेनर में कुल 1,500 क्रेट्स भेजे गए। संतरे की नागपुर मंडारिन किस्म दुनिया की सबसे अच्छी मंडारिन किस्मों में से एक है।
मध्य और पश्चिम भारत में हर साल इस किस्म की उपज बढ़ रही है। म्रिग फसल (मानसून ब्लॉजम) में निर्यात की काफी अच्छी संभावना है। क्योंकि यह फसल फरवरी और मार्च में तैयार होती है। इस अवधि में अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंडारिन किस्म की आवक कम रहती है।