नई दिल्ली। अमेरिकी हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद पश्चिम एशिया में बढ़ी अशांति के कारण भारत से ईरान को बासमती चावल व चाय का होने वाला निर्यात बुरी तरह से प्रभावित होगा। ईरान भारत के बासमती चावल का सबसे बड़ा आयातक देश है और इस वक्त ईरान बासमती की खरीदारी शुरू करने जा रहा था। उधर भारतीय ऑर्थोडॉक्स चाय के लिए भी ईरान सीआईएस (कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स) के बाद सबसे बड़ा आयातक है।
बासमती का भुगतान अटकने का डर
एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नाथी राम गुप्ता ने कहा कि मौजूदा स्थिति में निर्यात का भुगतान मिलने में कई महीने की देरी हो सकती है। पिछले साल पांच महीने देरी से भुगतान हुआ था। ईरान के अलावा सऊदी अरब, जोर्डन, कुवैत और अमेरिका भी भारत से बासमती चावल खरीदता है। दिसंबर में ईरान ने भारत से दो लाख टन बासमती खरीदने का टेंडर जारी किया था। भारत के कुल निर्यात का एक तिहाई बासमती अकेले ईरान खरीदता है। 2018-19 में ईरान ने भारत से 14.8 लाख टन बासमती चावल खरीदा था। चालू कारोबारी साल में ईरान को महज करीब 5 लाख टन का ही निर्यात हो पाया है।
चाय का निर्यात गिरेगा
टी बोर्ड के चेयरमैन पीके बेजबरुआ ने कहा कि ईरान और अमेरिका के बीच तनाव गहराने से ऑर्थोडॉक्स चाय का निर्यात बुरी तरह से प्रभावित होगा। टी बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2019 तक ईरान को 5.043 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात हुआ था। सीआईएस को इस दौरान 5.28 करोड़ किलोग्राम का निर्यात हुआ था। आईटीए के पूर्व चेयरमैन और गुडरिक समूह के एमडी व सीईओ अतुल अस्थाना ने कहा कि यदि तनाव बना रहेगा, तो ईरान को चाय का निर्यात नहीं हो पाएगा।