कोटा। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी ने कौशल विकास और देश में इसकी जरूरत के बारे में चर्चा करने के लिए कोटा में एक सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर ऑफ एडमिशन डॉ. रवि गोयल ने बताया कि कैसे कौशल आधारित पाठ्यक्रम युवाओं को कैरियर के उपयुक्त विकल्प खोजने में मदद कर सकते हैं।
इस सम्मेलन का उद्देश्य कोटा में रोजगार और कौशल विकास से संबंधित था, जहां बड़ी संख्या में युवा रोजगार की तलाश कर रहे हैं। एनएसडीसी के अनुसार कौशल पहल के संबंध में में कोटा राजस्थान राज्य का शीर्ष तीसरा शहर है।
वर्ष 2016-17 में, शहर के अर्ध-कार्यशील कर्मचारियों की संख्या 66,841 बताई गई थी, जबकि कुशल कार्यबल का अनुमान 34,921 था। बीएसडीयू कौशल विश्वविद्यालयों की स्थापना और अन्य राज्यों में कौशल विकास के अपने अद्वितीय मॉडल का अनुसरण करने में अन्य राज्य सरकारों की मदद कर रहा है।
बीएसडीयू युवाओं को कौशल निर्माण, प्रशिक्षण देते हुए विभिन्न विनिर्माण क्षेत्रों में रोजगार पाने में मदद करता है।बीएसडीयू के अध्यक्ष ब्रिगेडियर (डॉ.) सुरजीतसिंह पाब्ला ने कहा, 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर में 77.48 फीसदी साक्षरता के साथ कोटा पहले नंबर पर है। शहर में कुल 2 लाख में से लगभग 1.01 लाख आबादी रोजगार योग्य है, जबकि कोटा में कार्यबल में भागीदारी दर केवल 35 फीसदी है। हर संस्थान में प्रशिक्षित कर्मचारी की मांग है।
व्हीबॉक्स की इंडिया स्किल रिपोर्ट 2019 के अनुसार, भारत में समग्र रोजगार 47.38 फीसदी है और भारतीय कार्यबल में 473 मिलियन लोग शामिल हैं। आईटीआई क्षेत्र में रोजगार 29.46 फीसदी और पॉलिटेक्निक क्षेत्र में रोजगार 32.67 फीसदी है। देश में पुरुष रोजगार में 47.39 फीसदी है जबकि महिला रोजगार 45.6 फीसदी है।
भारत में संगठित कार्यबल केवल 8 फीसदी है। रोजगार के लिहाज से राजस्थान का स्थान देश में चौथा है और पुरुष और महिला रोजगार क्रमशः सातवें और छठें स्थान पर है। देश के सभी राज्यों में काम करने के लिहाज से राजस्थान छठा सबसे पसंदीदा राज्य है।